Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

होली खेलां श्याम फागणियो आयो(राजस्थानी)

होली खेलां श्याम फागणियो आयो(राजस्थानी)


आओ प्यारा घनश्याम खेलंगा होळी फागण मं 
भर ल्याओ पिचकारी रंगा की थोड़ी फागण में

मस्तानों फागण आयो, मोहन मीठी तान सुणायो।
गीत धमालां गावे रसिया, रंग खुशी को छायो।

राधा झुमै कान्हो झूमै, दुनिया नाचै आंगणं मं।
आओ गोरी फाग खेलां, खेलां होळी फागण में।

मीरा नाचै मोहन नाचै, झूम झूम सगला गावै। 
गोरा गोरा गाल गोरी का, रंग गुलाल लगावे।

मदन मुरारी मूलकै भारी, गोपिया ने रिझावै है। 
गीता री लड़ियां मीठी, बोले प्रेमरस बरसावै है।

रंग बरसरयो प्रीत रंग रो, हिवड़ा माही आंगणं मं।
आओ प्यारा घनश्याम, खेलंगा होळी फागण मं। 

बाट निहारै बैठी मरवण, रात गुजरगी जागण मं। 
कद आसी परदेसी म्हारो, खेलां होळी फागण मं।
आओ प्यारा घनश्याम, खेलंगा होळी फागण मं।
 
रमाकांत सोनी नवलगढ़
जिलाध्यक्ष 
शब्दाक्षर राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था
जिला झुंझुनू राजस्थान
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ