बगैर किसी देरी के पुरानी पेंशन बहाल करे सरकार:-सुरेश चन्द्र पाण्डेय (त्यागी)
विजयपुर (गोपालगंज) बिहार राज्य शिक्षक महासंघ ( 34540) पटना ने सरकारी कर्मचारियों के लिए अब बिना देर किए पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की है।
विहार राज्य शिक्षक महासंघ पटना के प्रवक्ता सुरेश चन्द्र पाण्डेय त्यागी ने कहा है कि गैर भाजपा शासित राज्यों ने अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल कर दिया है और अन्य राज्य पुरानी पेंशन बहाल करने की घोषणा कर मूर्तरुप देने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दिए हैं।
श्री पाण्डेय ने कहा कि जिस प्रकार किसान विरोधी काला कानून सरकार को वापस लेने के लिए मजवूर होना पड़ा ठीक वैसे पुरानी पेंशन बहाली का माहौल वनने से रोका जाना चाहिए और सरकार को तानाशाही की रवैया नहीं अपना कर लोकतांत्रिक व्यवस्था का सम्मान करना चाहिए।
सनद रहे कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करने की प्रक्रिया शुरू कर दिया गया है।
श्री पाण्डेय ने कहा कि बर्ष 2004मे तत्यकालीन अटल सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों को दी जाने वाली पुरानी पेंशन योजना को अनावश्यक वित्तीय वोझ वता कर पुरानी पेंशन योजना को समाप्त कर नयी पेंशन योजना थोपने का काला कानून पारित करा कर कर्मचारियों की बुढ़ापा का सहारे का अपहरण कर लिया। यह दिगर वात है कि जिस पुरानी पेंशन योजना को अनावश्यक रूप से वित्तीय वोझ वताने वाले सरकार के मुखिया अटल विहारी वाजपेई जी जीवनोपरांत पुरानी पेंशन का लाभ लेते रहे।अव यह लोकोक्ति सटीक लगती है कि -हम करें तो राश लीला और दूसरा करें तो करेक्टर ढीला वाला जुमला सटीक लगता है।
गौरतलब है कि एक कर्मचारी लग भग तीस साल तक अपना जीवन सरकारी सेवा में लगा देता है और सरकार पुरानी पेंशन योजना को अनावश्यक रूप से वित्तीय वोझ वता कर समाप्त कर दिया है और जिन औलाद की परवरिश किया वे बुढ़ापे में माता पिता को वोझ समझने लगते है ऐसे में सेवा निवृत्त कर्मचारियों का जीवन नरकमय वनना निश्चित है वहीं जन प्रतिनिधि पांच साल के लिए चुन कर जाते हैं और आजीवन पुरानी पेंशन योजना का लाभ उठाते है जव कि राजनीति को समाज सेवा का दर्जा दिया जाता है उनके लिए पुरानी पेंशन जरूरी है और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दिया जाना सरकार कु वित्तीय मजदूरी है। और तो और सवसे आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि यदि कोई जनप्रतिनिधि एक एक वार विधायक,पार्षद एवं सांसद चुन लिया गया लो उसे तीन पुरानी पेंशन योजना का लाभ उठाना वैधानिक है। यदि सांसद पेंशन भोगी किसी राज्य सरकार में मंत्री वन जाता है तो मंत्री के वेतन भत्ते के साथ पेंशन योजना का लाभ उठाता है।मिशाल के तौर विहार सरकार के कवीना मंत्री जनक चमार, शाहनवाज हुसैन और पिछड़े वर्गों के मसीहा उपेंद्र कुशवाहा ने मंत्री का वेतन भत्ते के साथ सांसद का पेंशन भी डकार गए हैं जिसका खुलासा आर टी आई के तहत किया गया है।सच में किसी शायर ठीक कहा है कि-
शीशे की अदालत है पत्थर की गवाही है।
कातिल ही लुटेरा है, कातिल ही सिपाही है।
ऐ सफेद चादर पे इतराने वाले लोगों ( नेता)
ऐ मत भूलो ए तुम्हारे गुनाहों की कमाई है।शीशे की अदालत है----
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