Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

दूरदर्शिता की राजनीति

दूरदर्शिता की राजनीति

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2014 से नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जिस प्रकार की जन स्वीकार्यता बनायी है उसके पीछे कई कारण हैं। अयोध्या में राम मंदिर का आधार मिला, इसमें कोई संदेह नहीं लेकिन वह छोटा सा अध्याय 2004 में ही खत्म हो गया था। इसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व में यूनाइटेड प्रोग्रेसिव एलायंस (यूपीए) ने लगातार 10 साल सरकार चलायी। कांग्रेस ने दूरदर्शिता की राजनीति की होती तो आज जिस तरह वो 2 राज्यों में खुद की और 2 राज्यों में साझे की सरकार तक नहीं सिमटती। इसके विपरीत भाजपा की रणनीति बहुत सोच-समझ कर तैयार की जाती है। एक राज्य में चुनाव खत्म नहीं होता, उसके नेता अगले राज्य में सक्रिय हो जाते हैं जहां चुनाव होना है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी 10 मार्च को गुजरात में जनता से संवाद कायम कर रहे थे जब उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनाव परिणाम घोषित हो रहे थे। भाजपा की यह रणनीति ठीक उसी तरह की है जैसे किसी छात्र को परीक्षा के समय किसी प्रकार का तनाव नहीं रहता है क्यों कि उसने पूरे साल सभी विषयों की पढ़ाई की है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ ने मंत्रिमंडल के गठन से लेकर एमएलसी के चुनाव तक में 2024 के लोक सभा चुनाव का ध्यान रखा है। सभी वर्गों को और सभी क्षेत्रों को सरकार में प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया जाएगा, ऐसा भाजपा के सूत्रों से पता चला है। राजनीतिक दलों में अनुशासनहीनता और आपसी कलह कैंसर बन जाती है। भाजपा को इस बात का भी ध्यान रखना होगा। अभी राजधानी से सटे विधानसभा क्षेत्र हैदरगढ़ के भाजपा विधायक दिनेश रावत का यह आचरण भाजपा और योगी आदित्यनाथ की रणनीति को भी प्रभावित कर सकता है। पार्टी को ऐसे नेताओं पर अंकुश लगाना पड़ेगा। याद करें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान यह नारा भी लगाया जाता था कि मोदी को लाना है तो योगी को जिताना है। इसका मतलब है कि यूपी में 2022 का विधानसभा चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति का एक हिस्सा है। विधायक दिनेश रावत को यह बात भी समझनी चाहिए।

भाजपा ने 2024 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा के रणनीतिकार बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि उत्तर प्रदेश उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है। विधानसभा के बाद अब भाजपा ने विधान परिषद की सीटों को जीतने के लिए शतरंज की बिसात बिछा दी है। प्रत्याशियों के चयन में पार्टी ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के साथ साथ 2024 को ध्यान में रखते हुए सामाजिक समीकरणों का पूरा खयाल रखा है। भाजपा ने 12 क्षत्रिय, 9 पिछड़े, 5 ब्राह्मण, 3 वैश्य और 1 कायस्थ को विधान परिषद के चुनाव में टिकट देकर सोशल इंजिनियरिंग की है। इसी सोशल इंजिनियरिंग के तहत अपने संगठन को मजबूत करने के लिए और कार्यकर्ताओं में जोश भरने की मंशा के साथ संगठन के काफी पदाधिकारियों को टिकट दिए गए हैं। प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता, प्रदेश मंत्री विजय शिवहरे, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रांशु दत्त द्विवेदी, पवन सिंह, प्रज्ञा त्रिपाठी समेत कई जिलाध्यक्षों को भी पार्टी ने टिकट दिया है। किसी को भी नाराज न करने की रणनीति के तहत जो दूसरे दलों के क्षत्रप विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा में आए थे उनको भी पार्टी ने खुश करते हुए टिकट बांटा है। नरेश अग्रवाल की हरदोई और आसपास के इलाकों में अच्छी पैठ है तो उनके करीबी अशोक अग्रवाल को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है। इसी तरह फैजाबाद सीट से अंबेडकर नगर के पूर्व सांसद हरिओम पांडेय और प्रतापगढ़ सीट से पूर्व विधायक हरिप्रताप सिंह को टिकट मिला है। मायावती सरकार में कैबिनेट सेक्रेटरी रहे शशांक शेखर वर्मा की भाभी वंदना मुदित वर्मा को पार्टी ने सहारनपुर- मुजफ्फरनगर से चुनाव मैदान में उतारा है। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने जमीनी ताकत को और मजबूत करने के इरादे से सपा से बागी हुए चारों एमएलसी को फिर से विधान परिषद का ही टिकट दिया है। ये चारों अपनी जाति और इलाके के कद्दावर नेता हैं। सीपी चंद के पिता मार्कडेय सिंह पूर्व मंत्री रहे हैं। रविशंकर सिंह पप्पू तीन बार से एमएलसी हैं और पूर्व प्रधानमंत्री युवा तुर्क चंद्रशेखर के पौत्र हैं। चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर भाजपा से ही सांसद हैं। रमा निरंजन बुंदेलखंड की राजनीति में अच्छी पकड़ रखती हैं और पिछड़ों के बड़े चेहरे में उनकी गिनती होती है। इसी तरह नरेंद्र भाटी के जरिए भाजपा ने पश्चिम के बड़े वोट बैंक गुर्जरों को साधने की कोशिश की है। गांधी परिवार के करीबी दिनेश प्रताप सिंह को भी रायबरेली से टिकट देने के पीछे यही रणनीति है ताकि भगवा का हर जगह विस्तार हो सके और लोकसभा के चुनावों में पार्टी ज्यादा सीटें जीत सके। इस समय परिषद में भाजपा के 35, सपा के 17, बसपा के 4, अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी और कांग्रेस के एक एक सदस्य हैं। स्थानीय निकाय कोटे की 36 सीटों के लिए 9 अप्रैल को चुनाव होना है। इस चुनाव के नतीजे तय करेंगे कि विधान परिषद में किस दल के पास बहुमत है।

जनता के समर्थन को बनाये रखना है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी प्रचंड जीत दर्ज की है। लेकिन जीत के बाद विधायकों के सख्त लहजे वाले वीडियो और ऑडियो भी सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो बाराबंकी जिले से सामने आया है। यहां जिले की हैदरगढ़ विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने दिनेश रावत का एक वीडियो वायरल हो रहा है। होली मिलन समारोह के मौके पर पहुंचे भाजपा के हैदरगढ़ विधायक दिनेश रावत ने मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जिन लोगों ने हमको वोट नहीं दिया है। वह लोग हमारे पास किसी भी प्रकार की मदद के लिए न आएं। क्योंकि हम सिर्फ उन्हीं की मदद करेंगे जिन्होंने हमें वोट दिया है हमने कभी भी विपक्ष का काम करना नहीं सीखा। नेताजी के बयान के बाद वायरल हुआ यह वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है।

हैदरगढ़ सीट से बीजेपी विधायक दिनेश रावत ने ये भी कहा कि 2024 में जब लोकसभा चुनाव में मोदीजी की सरकार बनवाएंगे तब वह हमारे साथ आएंगे, तभी हम उनकी मदद कर पाएंगे, क्योंकि हमने विपक्ष और विरोधियों का कभी सम्मान करना नहीं सीखा है। बीजेपी विधायक दिनेश रावत के बयान का वीडियो वायरल हो रहा है। हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में हैदरगढ़ विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी जीतने में कामयाब रही। यहां उसके प्रत्याशी दिनेश रावत ने सपा के राम मगन को 25691 वोटों से हरा दिया। दिनेश रावत को जहां 117113 वोट मिले, वहीं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को 91422 वोट मिले। बता दें कि बाराबंकी जिले में 6 सीट में 3 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है। बाराबंकी जिले की हैदरगढ़ विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक का टिकट काटकर बीजेपी ने नया प्रत्याशी दिनेश रावत को उतारा था। बीजेपी लहर में पहली बार में ही दिनेश रावत विधायक बने। शायद इसी का घमंड दिनेश रावत के सर चढ़ गया और उन्होंने जीत के बाद बेतुका बयान दे डाला। विधायक दिनेश रावत के इस बयान के बाद भाजपा की फजीहत हो रही है।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ