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स्वस्थ जीवन का सशक्त माध्यम स्वच्छ जल

स्वस्थ जीवन का सशक्त माध्यम स्वच्छ जल 

जहानाबाद । विश्व जल दिवस के अवसर पर सच्चिदानंद शिक्षा एवं समाज कल्याण संस्थान की ओर से आयोजित जल संरक्षण संगोष्टी में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि जल प्रकृति और इंसान की शक्ति है । जीवन का सशक्त माध्यम  जल है ।वैज्ञानिक द्वारा  ग्रहो पर  सबसे पहले खोज जल  का करता  है ।  धरती के लगभग तीन चौथाई भाग में पानी है ।  भूस्थल पर में 97% पानी खारा है और  3% पानी पीने योग्य है । मनुष्य के शरीर का 70 प्रतिशत हिस्सा पानी  है । 22 दिसंबर, 1992 को संयुक्त राष्ट्र असेंबली में प्रस्ताव में ये घोषणा की गई कि 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाएगा ।  विश्व  में 22 मार्च 1993 को विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है । पानी की अहिमयत हमारे घरों में, भोजन, संस्कृति, स्वास्थ्य, शिक्षा, अर्थशास्त्र और हमारे प्राकृतिक वातावरण के लिए काफी ज्यादा है । जल संसाधन से  जिंदगी से जुड़े  महत्वपूर्व रिसोर्स को बचाने में योगदान दें. तभी जीवन में सुखियाँ और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हसि । जल को स्वच्छ रखें जीवन को स्वास्थ्य रखे । आशुकवि चितरंजन चैनपुरा  ने जल की महत्ता पर कविता पाठ करते हुए कहा कि  आन पड़ी अब जिम्मेवारी , धरती की रखवाली की । जग भर में हो रही है बातें , जल जीवन हरियाली की ।उर्वशी , प्रियंका ने जल की महत्ता पर प्रकाश डाला ।संयुक्त राष्ट्र असेंबली में प्रस्ताव में ये घोषणा की गई कि 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाएगा ।  विश्व  में 22 मार्च 1993 को विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है । पानी की अहिमयत हमारे घरों में, भोजन, संस्कृति, स्वास्थ्य, शिक्षा, अर्थशास्त्र और हमारे प्राकृतिक वातावरण के लिए काफी ज्यादा है । जल संसाधन से  जिंदगी से जुड़े  महत्वपूर्व रिसोर्स को बचाने में योगदान दें. तभी जीवन में सुखियाँ और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हसि । जल को स्वच्छ रखें जीवन को स्वास्थ्य रखे । आशुकवि चितरंजन चैनपुरा  ने जल की महत्ता पर कविता पाठ करते हुए कहा कि  आन पड़ी अब जिम्मेवारी , धरती की रखवाली की । जग भर में हो रही है बातें , जल जीवन हरियाली की ।उर्वशी , प्रियंका ने जल की महत्ता पर प्रकाश डाला ।
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