Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

धोखा

धोखा

दे गये धोखा मुझे वो, बीच राह में छोड़कर। 
प्रीत का रस्ता दिखा, चले गए मुंह मोड़कर। 

महकती वादियां सारी, फूल भी सारे शर्माने लगे। 
उनकी बेरुखी को हमें, अक्सर यूं बतलाने लगे। 

मन में उठती लहरें सारी, अब हो चली उदास सी। 
कल तक वो बातें मीठी, लगती हमको खास थी। 

मुस्कुराना सीखा था, उनकी अदा मनभावन थी। 
प्रेम की बहती सरिताये, मधुर सुहाना सावन सी। 

अपनों की महफिल में, पग-पग पे धोखे खाए हैं। 
राहों में हर तूफानों को, फिर भी धूल चटाये है। 

हौसलों से मंजिलों तक, तय सफर किया हमने। 
जिंदगी से सीखा खूब, कितना जहर पिया हमने। 

अब हमारी बुलंदियों से, अक्सर वो घबराते हैं। 
जहां कदम पड़े हमारे, सुखसागर बन जाते हैं।

रमाकांत सोनी नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान
जिलाध्यक्ष शब्दाक्षर साहित्यिक संस्था झुंझुनू राजस्थान
रचना स्वरचित व मौलिक है।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ