डर
वेद प्रकाश तिवारी
तुमने मुझे रोका
सड़कों पर निकलने से
मेरे बोलने पर लगाई पाबंदी
मेरी लेखनी पर सवाल उठाये
मेरी किताबों को जलाया
मुझ पर लाठियां बरसाई
जेलों में किया बंद
यह सब इसलिए
कि मेरी कविताएं
लोगों की आंखों से
हो जाएं ओझल
तुम्हे डर है कि तोप गोलों से
ज्यादा खतरनाक हैं
ये कविताएं ।
-- वेद प्रकाश तिवारी
देवरिया (उ०प्र०)हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews
https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com