...तेरी गठरी में लगा चोर, स्मार्ट फोन व इन्टरनेट के जरिए हो रही ठगी
(बृजमोहन पन्त-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
प्रचलन में स्मार्टफोन व इन्टरनेट के आने के बाद ठगों के हथकंडे बदल गये हैं। आजकल तमाम तरीकों से लोगों को ठगा जा रहा हैं। फ्राड खुद को बैंक का कर्मचारी बताकर खातेदारों से बैंक डिटेल, अकाउण्ट नम्बर, एटीएम कार्ड का कोर्ड अन्य विवरण मांग लेते हैं। जो जानकार हैं वे ठग को जान लेते हैं और डिटेल शेयर नहीं करते लेकिन अनजान ठगे जाते हैं। मोबाइल एसएमएस से उन्हें पता लगता है कि उनके खाते से हजारों व लाखों रूपये उड़ गये हैं। इसलिए कुछ बैंकों ने ऐसी व्यवस्था की है कि एटीएम से रूपया विड्रोल के बाद मोबाइल में एसएमएस आता है जिसमें कहा जाता है कि यदि आप यह नहीं है तो इस फोन नं0 पर बैंक को सूचित करें। कई लोगों के आधार कार्ड से पैसे निकाल लिये गये हैं। बैंक में आधार कार्ड के साथ मोबाइल नं0 व पेन कार्ड नम्बर लिंक होता है जो खाते से लिंक होता है। ऐसे में धोखाधड़ी की संभावनायें बढ़ गयी है। यदि आपके मोबाइल में काॅल या एसएमएस आये कि आपका एटीएम एक्टीवेट होना है इसलिए उन्हें एटीएम नम्बर व पिन चाहिए तो कभी भी यह शेयर न करें। वर्ना आप ठगी का शिकार हो जायेंगे। आरबीआई ने विज्ञापनों द्वारा नागरिकों को इस बारे में सतर्क किया है लेकिन जागरूकता की कमी से लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते।
आजकल साइबर ठगी के मामले बढ़ गये हैं। इसलिए पुलिस डिपार्टमेंट ने साईबर सेल गठित किये हैं। साइबर ठगी की सूचना साइबर सेल द्वारा जारी फोन नं. पर की जा सकती है। एटीएम कार्ड बदलकर या इसका क्लोन बनाकर ठगी की जा सकती है। इसलिए किसी अनजान व्यक्ति को अपना एटीएम कार्ड न दें। गूगल पे लेन-देन का लोकप्रिय माध्यम है परन्तु इसमें भी ठगी की जा रही है। मोबाइल, फेसबुक, यूट्यूब व व्हाॅटसएप से ठगी की जा रही है। बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर भी ठगा जा रहा है।
आजकल यूट्यूब पर नौकर रखने के विज्ञापन दिख रहे हैं जिसके माध्यम से बेरोजगारों को भ्रमित किया जा रहा है। नौकर को 70 से 80 हजार वेतन, बंगला, गाड़ी का प्रलोभन दिया जा रहा है। काम साफ-सफाई, बूढ़ी महिला या पुरूष की देखभाल वैन ड्राईवर का काम बताया जाता है। योग्यता मीडिल होती है। ऐसे विज्ञापनों के पीछे मंशा ठगी होती है। चतुर्थ श्रेणी का काम, मोटी तनख्वाह बेतुकी बात है। कई लोग इस पर भरोसा कर ठगे जा रहे हैं। ऐसे भ्रमित विज्ञापनों को ब्लाॅक कर देना चाहिए।
कई बेरोजगार ठगी के चक्कर में घरवालों की खून पसीने के कमाई लुटा चुके हैं। कई फर्जी कम्पनियां बेरोजगारों को गार्ड, क्लर्क व प्रशासनिक अधिकारी जैसे कर्मचारियों की नियुक्ति दिलाने का दावा करती हैं। आवेदक से हजारों रूपये रजिस्टेªशन या अन्य शुल्क लिया जाता है। जाल में फंसा नौजवान जब कम्पनी द्वारा बताये पते पर पहंुचता है तो उस लोकेशन में दूर-दूर तक कम्पनी का अता-पता नहीं होता है। मोबाइल नम्बर भी बंद होता है। तब उन्हें ठगी का पता लगता है। ऐसी कम्पनियों की भरमार है।
समाचार पत्रों में इस तरह के विज्ञापन जरूर छापे जाते हैं। नौकरियों देने वाली ये कम्पनियां कितनी असली है, इनकी पहचान नहीं हो पाती है। कई फाइनेंस कंपनियां रूपया जमा करने व लोन देने का कारोबार कर रही हैं जिनमें से कई कम्पनियां खातेदारों का पैसा हड़प कर फरार हो जाती हैं। बाद में कोर्ट में गवाह न मिलने से ऐसे केस खारिज हो जाते हैं। लोन लेने का उचित माध्यम बैंक है। खातेदार लोन ले सकता है। गोल्ड लोन के कई आकर्षक आफर है। कृषि लोन आसानी से कम ब्याज पर मिल जाता है। सरकार ने कृषि भूमि पर लोन देने की व्यवस्था की है जिससे किसानों को भुगतान का झंझट नहीं होता है। फसलों का बीमा होता है। सूखा व ओलावृष्टि में हानि की क्षतिपूर्ति होती है। लोन अवधि भी स्थगित हो जाती है।
ठगों के कई हथकंडे है। कैश प्राइज, गाड़ी, मोबाइल, टीवी और अन्य इलैक्ट्रोनिक वस्तुओं का लालच देकर उपभोक्ता को आकृष्ट किया जाता है। भारी छूट की आड़ में लोगों की जेब ढीली की जाती हैं। जबकि किसी आइटम की कीमत वही होती है जो वसूल की जाती है। जमीन को गिरवी रखकर कुछ लोग लोन दे रहे हैं। लोन तो व्यक्ति को मिल जाता है लेकिन उस जमीन पर ये लोग बैंक से लोन ले लेते हैं जिसका भूस्वामी को भी पता नहीं होता है। तब भूस्वामी को अपनी जमीन छुड़ाना मुश्किल होता है। अदालत के धक्के खाने पड़ते हैं। बैंकों से लोन लेने की औपचारिकताओं से बचने के लिए लोग सेठ, साहूकारों के चक्कर में पड़ जाते हैं। लोगों को शादी-ब्याह, भवन निर्माण, बच्चों की पढ़ाई आदि कार्यो के लिए तुरन्त लोन चाहिए जो ये लोग देने की गांरटी देते हैं। इसलिए कर्ज लेते समय भी सावधान रहें।
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