Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

विश्व गौरैया दिवस पर पटना ज़ू में "अभी मैं जिंदा हूँ गौरैया" थीम पर समारोह का आयोजन

विश्व गौरैया दिवस पर पटना ज़ू में "अभी मैं जिंदा हूँ गौरैया" थीम पर समारोह का आयोजन

  • 2007 से गौरैया संरक्षण में लगे संजय कुमार का हुआ विशेष सम्मान
  • गौरैया संरक्षण पर संजय कुमार लिखित पुस्तक 'अभी मैं जिंदा हूँ गौरैया' का हुआ लोकार्पण

पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग बिहार सरकार के पटना ज़ू द्वारा परिसर में आज "विश्व गौरैया दिवस" का आयोजन किया गया। विभाग के अवर प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह, अपर प्रधान मुख्य संरक्षक सह वन मुख्य वन प्राणी प्रतिपालक प्रभात कुमार गुप्ता, चंद्रशेखर, सदस्य बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पटना,अभय कुमार क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक भागलपुर ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री सुधा वर्गीय सी मौजूद रही।
मौके पर पीआईबी पटना के सहायक निदेशक और गौरैया संरक्षक संजय कुमार की चर्चित पुस्तक "अभी मैं जिंदा हूं गौरैया" के बहुरंगी संस्करण का लोकार्पण किया गया है। साथ ही गौरैया संरक्षण में महत्वपूर्ण कार्य के लिए संजय कुमार को अवर प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने सम्मानित भी किया।

मौके पर आयोजित विशेष कार्यक्रम के दौरान 'पर्यावरण योद्धा और हमारी गौरैया' पटना, बिहार द्वारा संजय कुमार द्वारा खींची गई गौरैया की तस्वीरों पर आधारित 'अभी मैं जिंदा हूँ गौरैया' फ़ोटो प्रदर्शनी,कलमगार द्वारा स्पैरो स्टूडियो, कबाड़ से जुगाड़ और फोटो पर डाक टिकट पर प्रदर्शनी लगाई गई। गौरैया संरक्षण को लेकर अभी मैं जिन्दा हूँ गौरैया प्रदर्शनी स्टॉल पर गौरैया के आवासी संकट यानी घोंसला के विभिन्न प्रारूपों की प्रदर्शनी पर्यावरण योद्धा की ओर से लगाई गई है। प्लाई, गत्ता, बांस, मिट्टी, कद्दू, पेड़ के छाल आदि से निर्मित घोंसलों को प्रदर्शित किया गया। ताकि बच्चे गौरैया संरक्षण से जुड़े और अपने अपने घरों पर गौरैया के आवासीय संकट से उबरने के लिये घोंसला(बॉक्स) लगाये। प्रदर्शनी में गौरैया के आहार क्या क्या है उसे भी रखा गया है। साथ ही तरह तरह का दाना-पानी बॉक्स को भी प्रदर्शित किया गया है। विभिन्न मॉडलों के माध्यम से गौरैया के आवासीय संकट के बारे में बताया गया। प्रदर्शनी ने बच्चों और दर्शकों को अपनी ओर खींचा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अवर प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि दुनिया केवल इंसानों के लिए नहीं है बल्कि इसमें जितने भी जीव जंतु है उनका भी हक है उन्हें जीने का अधिकार है। लेकिन इंसान ने अपनी सुविधा के लिए जंगलों को उजाड़ दिया। जीव जंतुओं का बसेरा छीन लिया। उन्होंने कहा कि हम दिवस इसलिए मानते है ताकि जीव जंतुओं के संरक्षण की दिशा में पहल हो। श्री सिंह ने कहा कि गौरैया दिवस भी उसी कड़ी में हैं हमने उसका सब कुछ छीन लिया है वह हमसे दूर चली गई है उसे वापस बुलाने की पहल के लिए आहार आवास आदि की व्यवस्था करनी होगी।

चंद्रशेखर, सदस्य बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पटना ने कहा कि आज के शहरी आवासीय संकट में भी गौरैया को हम वापस कैसे बुला सकते हैं ,यह संजय कुमार की पहल और अभी मैं जिन्दा हूँ गौरैया प्रदर्शनी से सीख जा सकता है।

मौके पर अपर प्रधान मुख्य संरक्षक सह वन मुख्य वन प्राणी प्रतिपालक प्रभात कुमार गुप्ता ने कहा कि गौरैया के संरक्षण की पहल को और तेज करना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन से यकीनन गौरैया संरक्षण को दिशा मिलेगी।


वही, अभय कुमार, क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक, भागलपुर ने कहा कि घर आंगन में फुदकने वाली गौरैया का विलुप्त होना इकोसिस्टम के लिए ठीक नहीं है। इसके संरक्षण की पहल होनी ही चाहिए।
इस अवसर गौरैया संरक्षण संजय कुमार ने कहा कि गौरैया इंसान की मित्र है और यह हमसे दूर हुई है तो हम ही दोषी हैं। इसलिए इसे वापस बुलाने के लिए पहल हमे ही करनी होगी। दाना पानी घर घर में रखना होगा और आवासीय संकट से उबारने के लिए बॉक्स लगाने होंगे, साथ ही थोड़ा प्यार देना होगा । यकीनन गौरैया घर आंगन में वापस आएगी और अपनी चहचहाहट से खुशियां भर देगी।
बाद में थ्री डी हॉल में संजय कुमार द्वारा लिखित और रितेश परमार द्वारा निर्देशित 'गौरैया जिन्दा है' फ़िल्म दिखायी गयी।

मौके पर पटना ज़ू के निदेशक सत्यजीत, उपनिदेशक अमित कुमार, पर्यावरण योद्धा के अध्यक्ष निशान्त रंजन, 360 डिग्री के निदेशक अजित झा, सीआरपीएफ के कमांडेंट मुन्ना सिंह,ज़ू के अधिकारी आनंद सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ