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असामाजिक तत्वों द्वारा काली मंदिर की प्रतिमा (पिंडी) खंडित कर, की गई घंटे की चोरी ।

असामाजिक तत्वों द्वारा काली मंदिर की प्रतिमा (पिंडी) खंडित कर, की गई घंटे की चोरी । 

सरोजीत कुमार, बंगरा बाजार देवरिया। 
भाटपार रानी तहसील अंतर्गत पिपरा दक्षिण पट्टी गांव में खेत के बीचो बीच काली जी का एक मंदिर है जहां गांव की महिलाएं पूजा-अर्चना करती हैं। बीती रात किसी के द्वारा मंदिर की प्रतिमा को खंडित कर बाहर बने हुए मिट्टी के बाघों को तोड़ा गया और मंदिर का घंटा निकाल लिया गया । सुबह जब पूजा करने हेतु लोग वहां पहुंचे तो मंदिर का दरवाजा खुला हुआ था। प्रतिमा जो पिंडी के रूप में है, खंडित कर दी गई थी । यह सब देखने के बाद गांव में आक्रोश फैल गया । मौके पर पुलिस प्रशासन भी पहुंचा और छानबीन में लग गया । यह बात समझ में नहीं आ रही है कि आखिर इस तरह की हरकतें कौन कर सकता है। क्योंकि हिंदुओं को छोड़कर अन्य समुदाय के लोग वहाँ नहीं हैं। पुलिस भी इस छानबीन में जुटी हुई है कि आखिर मंदिर की प्रतिमा तोड़ने का अर्थ क्या है ? कहीं कोई साजिश तो नहीं या कोई शराब के नशे में आकर या कोई मानसिक रूप से विक्षिप्त आदमी के द्वारा तो यह कार्य नहीं किया गया । पुलिस सारी बातों पर विचार कर रही है। दिव्य रश्मि न्यूज़ की टीम जब मौके पर पहुंची तो वहाँ खामपार के थाना अध्यक्ष मौके पर मौजूद थे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि पुलिस अपना काम पूरी तत्परता के साथ कर रही है और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा। वहीं दूसरी तरफ ग्राम प्रधान राधेश्याम यादव का कहना है कि ज्योहि  देखा गया की प्रतिमा खंडित किया गया है तो मजदूर बुलाकर तत्काल  पुनर्निर्माण का कार्य शुरू करा दिया गया है । ग्राम प्रधान राधेश्याम यादव का कहना है कि इस गांव में किसी समुदाय विशेष के द्वारा यह कार्य नहीं किया गया है । उन्होंने आशंका जताई कि यह कार्य हो सकता है किसी विक्षिप्त व्यक्ति के द्वारा या शराब के नशे में किसी व्यक्ति के द्वारा किया गया हो । अब प्रश्न यह उठता है की मंदिर की प्रतिमा तोड़ने का मकसद क्या हो सकता है। वह भी जो खेत के बीचो बीच बना हुआ है । जहां न कोई  कीमती समान है, न ही कोई चढ़ावा चढता है। फिलहाल मंदिर में पुनर्निर्माण कार्य करा दिया गया है और मंदिर में पूजा अर्चना जारी है ।
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