क्यों छोड़ गये
चले थे साथ मिलकर
किसी मंजिल की तरफ।
बीच में ही साथ छोड़कर
निकल लिए और के साथ।
अब किस पर यकीन करें
इस जमाने में साथ के लिए।
हर तरफ स्वार्थ ही स्वार्थ
हमे आज कल दिखता है।।
मिला था जब दिल हमसे
तो कसमें खाते थे तुम।
सात जन्मों तक एकदूजे का साथ निभाने की।
फिर ऐसा क्या हो गया
जो गरीब का साथ छोड़ दिया।
और यश आराम के लिए
और का हाथ थाम लिए।।
महत्वकांक्षी लोग किसी एक के हो नहीं सकते।
आज ये है तो कल कोई और भी इनका हो सकता है।
क्योंकि मोहब्बत तो इनके लिए एक खिलौना है।
और टूटते ही उसे बदल
ने की फिदरत होती है।।
न कोई मंजिल न लक्ष्य
ऐसे लोगो का होता है।
बस अपनी जवानी और
रूप से घयाल करके।
प्यार करने वालो का प्यार
पर से विश्वास उठवा देते है।
और ऐसे लोग न जीते है
और न ही मर पाते है।।
जय जिनेन्द्र
संजय जैन "बीना" मुम्बई
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews
https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com