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खेलेंगे आज होली

खेलेंगे आज होली

बहुत दिनों के बाद मिले हैं,
अपनी यह हमजोली,
नहीं छोड़ेंगे आज किसी को,
खेलेंगे आज होली।
     बहुत दिनों के बाद...।

मन मेरा बासंती हो रहा,
मौसम ने गजब रस घोली,
बच सको तो बच लो भईया,
आयी हुडदंग की टोली।
      बहुत दिनों के बाद...।

आज बनेंगे हम कृष्ण-कन्हैया,
सुन लो  बहना,भाभी,भैया
आज भींगेगा शर्ट-पैंट किसी का,
चाहे भीगे चुनर-चोली।
     बहुत दिनों के बाद...।

प्रेम सद्भाव का यह है पर्व,
बोले सदा मीठी बोली,
प्रेम के रंग में रंग जायें सभी,
करें कुछ हॅसी ठिठोली।
      बहुत दिनों के बाद...।
          -----0----
       अरविन्द अकेला,पटना।
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