अष्टग्रहों का मिलन होलाष्टक
सत्येन्द्र कुमार पाठक
शास्त्रों एवं सनातन धर्म संस्कृति ग्रंथों के अनुसार होलाष्टक 2022 का प्रारंभ 10 मार्च से लगने के कारण शुभ मांगलिक कार्य करने , होली से पूर्व के 8 दिन अशुभ माने जाते हैं । विक्रम संबत के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्ट फाल्गुन पूर्णिमा की रात होलिका दहन के पश्चात होलाष्टक का समापन है । पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 10 मार्च 2022 दिन गुरुवार को प्रातः काल 02 बजकर 56 मिनट से प्रारम्भ एवं 11 मार्च को प्रात: 05 बजकर 34 मिनट तक है । होलाष्टक का प्रारंभ 10 मार्च को प्रात: 05:34 बजे से प्रारम्भ है । फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा को होलाष्टक का समापन होलिका दहन है । फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 17 मार्च दिन गुरुवार को दोपहर 01 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है । 18 मार्च दिन शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक मान्य है. पूर्णिमा का चांद 17 को दिखेगा और देर रात होलिका दहन होगा एवं होलाष्ट का समापन 17 मार्च को हो जाएगा । हालोष्टक के समय मुंडन, नामकरण, उपनयन, सगाई, विवाह आदि संस्कार और गृह प्रवेश, नए मकान, वाहन आदि की खरीदारी आदि शुभ कार्य तथा नई नौकरी या नया बिजनेस प्रारंभ नहीं करते है ।
साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि शास्त्रों के अनुसार जिस क्षेत्र में होलिका दहन के लिए डंडा स्थापित होने से होलिका दहन तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है ।.इन दिनों गृह प्रवेश मुंडन संस्कार विवाह संबंधी वार्तालाप सगाई विवाह किसी नए कार्य नींव आदि रखने नया व्यवसाय आरंभ , मांगलिक कार्य आदि का आरंभ शुभ नहीं किया जाता है । हाेलिका दहन के समय पूर्व को हवा चलने से प्रजा को सुखी , दक्षिण में हवा चलने से दुर्योग , हवा पश्चिम में चलने से तृण वृद्धि एवं उत्तर में हवा चलने पर धन-धान्य की वृद्धि और सीधी लंबी लपटे आकाश की ओर उठने से जनप्रतिनिधियों को नुकसान पहुंचता है।
ज्योतिषीय दृष्टि से समस्त काम्य अनुष्ठानो के लिऐ श्रेष्ठ है । होलिका दहन के आठ दिन पुर्व का समय होलाष्टक है । होलाष्टक में तंत्र व मंत्र की साधना पूर्ण फल प्राप्त होती है। अष्टमी को चन्द्र,नवमी को सूर्य,दशमी को शनि,एकादशी को शुक्र,द्वादशी को गुरू,त्रयोदशी को बुध,चतुदशर्शी को मंगल व पूर्णीमा को राहु उग्र होने से मनुष्य को शारिरीक व मानसिक क्षमता को प्रभावित और निर्णय व कार्य क्षमता को कमजोर करते है। अष्टमी को चंद्रमा नवमी को सूर्य दशमी को शनि एकादशी को शुक्र द्वादशी को गुरु त्रयोदशी को बुध चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव के हो जाते हैं। ग्रहों के निर्बल होने से मानव मस्तिष्क की निर्णय क्षमता क्षीण और गलत फैसले लिए जाने के कारण हानि होने की संभावना रहती है। विज्ञान के अनुसार पूर्णिमा के दिन ज्वार भाटा सुनामी आपदा एवं पागल व्यक्ति और उग्र होता है। अष्ट ग्रह दैनिक कार्यकलापों पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। 8 दिनों में मन में उल्लास लाने और वातावरण को जीवंत बनाने के लिए लाल या गुलाबी रंग का प्रयोग विभिन्न तरीकों से किया जाता है। लाल परिधान , लाल रंग मन में उत्साह उत्पन्न करता है । भगवान कृष्ण 8 दिनों में गोपियों संग होली खेलते रहे और अंततः होली में रंगे लाल वस्त्रों को अग्नि को समर्पित कर दिया। होली मनोभावों की अभिव्यक्ति का पर्व है । भगवान शिवजी ने अपनी तपस्या भंग करने का प्रयास करने पर प्रेम के देवता कामदेव को फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि को भस्म कर दिया था, जिसके बाद संसार में शोक की लहर फैल गई थी । इसके बाद कामदेव की पत्नी रति द्वारा भगवान शिव से क्षमायाचना की गई तब शिवजी ने कामदेव को पुनर्जीवन प्रदान करने का आश्वासन दिया । भगवान हरिभक्त प्रह्लाद को दैत्य राज हिरण्यकश्यप द्वारा फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा तक अनेक यातनाएं दी गयी और अंत में पूर्णिमा को होलिका जल गई भक्त प्रह्लाद जीवित हो कर प्रेम और हरि भक्ति हुए । होलाष्टक का अंत धुलेंडी के साथ होली होती है । होलाष्टक मे मनुष्य को अधिक से अधिक देव व इष्ट आराधना व मंत्र साधना करनी चाहिऐ।इस समय तंत्र क्रिया करने वाले जातको को विशेष उर्जा प्राप्त होती है।। जातको को राहु,मंगल,शनि या सूर्य की महादशा चल रही है या ये ग्रह शुभ नही है,इनके शत्रु ग्रह ४,८,१२मे हो,अस्त या वक्री हो उन्हे काफी कष्ट भोगना पडता है । जातक महामृत्युंजय जाप,नारायण कवच,दुर्गासप्तशति या सुन्दरकाण्ड का पाठ करे या योग्य ब्राह्मण से करवाने से सर्वाधिक चेतन शक्ति जगृत होती है ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews
https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com