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गणगौर

गणगौर 

शिव गौरी की पूजा होती ईसर गणगौर मनाती है। 
अखंड सौभाग्य दे माँ कन्या मनचाहा वर पाती है।

आस्था प्रेम का पर्व भावन राजस्थान की शान है। 
चैत्र मास में तीज त्योहार मनाते आलीशान है। 

उंँट घोड़े सज धजकर सुंदर सी झांकी चलती है। 
कर सोलह सिंगार नारियां गणगौर ले निकलती है। 

सोलह दिवस पूजा होती दूब अक्षत रोली से। 
मान और मनुवार होती गीतों में मीठी बोली से। 

सुहागिन श्रद्धा से करती सुहाग सुख की कामना। 
कुंवारी कन्या पूजा करती पूरी होती मन कामना। 

ये त्यौहार महिलाओं का जनमन आस्था खास है। 
गणगौर को भोग चूरमा सिंदूर अटल विश्वास है। 

दूब ले दोनों हाथों में नव वधूयें पूजन करती है। 
दमके सिंदूर माथे पे सौभाग्य से झोली भरती है।

रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान
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