Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

पीएम को नौकरशाही की सलाह

पीएम को नौकरशाही की सलाह

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में कई खूबियां हैं। उनकी लोकप्रियता का एक कारण यह भी है वे जहां से भी सीखने को मिलता है, सीखते हैं और सभी को सिखाने का प्रयास भी करते हैं। अभी कुछ दिन पहले ही मोदी ने छात्र-छात्राओं को बताया था कि परीक्षा के समय किस तरह वे अपना धैर्य बनाए रख सकते हैं और परीक्षा उत्तीर्ण कर सकते हैं। इसी तरह वे लोगों की बात सुनते भी हैं। गत 4 अप्रैल को ब्यूरोक्रेट्स का इशारा था कि जिस तरह से चुनाव में वादे किये गये हैं, उनका देश की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। पांच राज्यों में चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं। विपक्षी दलों ने राज्यसभा में इसके चलते हंगामा भी किया। इसी प्रकार नवरात्र के समय सब्जी और फलों के दाम बढ़ गये हैं। पीएम मोदी आम आदमी की सेहत से जुड़ी एक और योजना लाने वाले हैं। इसके तहत सभी केन्द्रीय सरकारी एजेंसियां एक ही प्लेटफार्म से दवाएं खरीदेंगी। इससे दवाओं की कीमत 10 फीसदी तक कम हो सकती हैं। इन सभी योजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए भी ब्यूरोक्रेट्स की सलाह पर ध्यान देना पड़ेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वरिष्ठ नौकरशाहों की हुई मैराथन बैठक में कुछ अधिकारियों ने कई राज्यों द्वारा घोषित लोकलुभावन योजनाओं पर चिंता जताई और दावा किया कि वे आर्थिक रूप से अस्थिर हैं। सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने इस बैठक में कहा कि ऐसी लोकलुभावन और अव्यावहारिक योजनाएं अर्थव्यवस्था को श्रीलंका के समान रास्ते पर ले जा सकती हैं। पीएम मोदी ने गत 2 अप्रैल को 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने कैंप कार्यालय में सभी विभागों के सचिवों के साथ चार घंटे लंबी बैठक की थी। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के साथ केंद्र सरकार के अन्य शीर्ष नौकरशाह भी शामिल हुए थे।

बैठक के दौरान पीएम मोदी ने नौकरशाहों से स्पष्ट रूप से कहा कि वे संसाधानों की कमी के प्रबंधन की मानसिकता से बाहर निकलकर अधिशेष के प्रबंधन की नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें। सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी ने प्रमुख विकास परियोजनाओं की आड़ में ष्गरीबीष् का बहाना बनाने की पुरानी कहानी को छोड़ने के लिए कहा और उन्हें एक बड़ा दृष्टिकोण अपनाने के लिए कहा। कोविड-19 महामारी के दौरान सचिवों द्वारा दिखाई गई टीम वर्क का हवाला देते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें भारत सरकार के सचिवों के रूप में एक टीम के रूप में काम करना चाहिए न कि केवल अपने संबंधित विभागों के सचिवों के रूप में सीमित रहना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस दौरान सचिवों से प्रतिक्रिया देने और सरकार की नीतियों में खामियों का सुझाव देने के लिए भी कहा, जिनमें वे भी शामिल हैं जो उनके संबंधित मंत्रालयों से संबंधित नहीं हैं।

सूत्रों ने कहा कि दो दर्जन से अधिक सचिवों ने अपने विचार व्यक्त किए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी प्रतिक्रिया साझा की। पीएम मोदी ने खुले दिमाग से ब्यूरोक्रेट्स की बातें सुनीं। माना जा रहा है कि 2014 के बाद से प्रधान मंत्री की सचिवों के साथ यह नौवीं बैठक थी। सूत्रों ने कहा कि दो सचिवों ने हाल के विधानसभा चुनावों में घोषित एक लोकलुभावन योजना का हवाला देते हुए एक राज्य में, जो आर्थिक रूप से खराब स्थिति में है, और अन्य राज्यों में इसी तरह की योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि वे आर्थिक रूप से अस्थिर हैं और ऐसी लोकलुभावन घोषणाएं राज्यों को श्रीलंका के समान रास्ते पर ले जा सकती हैं।

उल्लेखनीय है कि श्रीलंका वर्तमान में इतिहास के सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। वहां ईंधन, रसोई गैस और आवश्यक सामानों की कम आपूर्ति होने की वजह से लोगों को लंबी लाइनों में लंबे समय तक खड़ा रहना पड़ रहा है। वहां बिजली कटौती के कारण जनता हफ्तों से परेशान है। इसके चलते प्रदर्शन और आगजनी हो रहा है।

बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी ने शासन में समग्र सुधार के लिए नए विचारों का सुझाव देने के लिए सचिवों के छह-क्षेत्रीय समूहों का भी गठन किया है।

भारत में महंगाई का मुद्दा तेजी से उठ रहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महंगाई एवं बेरोजगारी के मुद्दों को लेकर गत दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाना, सरकारी कंपनियों को बेचना और किसानों को लाचार करना उनका रोजमर्रा का काम हो गया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री की डेली टू डू लिस्ट (रोज करने वाले कामों की सूची) पेट्रोल-डीजल-गैस का रेट कितना बढ़ाऊं, लोगों की खर्चे पे चर्चा कैसे रुकवाऊं, युवाओं को रोजगार के खोखले सपने कैसे दिखाऊं, आज किस सरकारी कंपनी को बेचूं, किसानों को और लाचार कैसे करूं। गौरतलब है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उस दिन एक बार फिर 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी। देश के कई हिस्सों में नवरात्र के दौरान फलों और सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। खासकर हरी सब्जियों के दाम में तो पिछले दो-तीन दिनों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। फलों और सब्जियों के बढ़ते दाम ने हर घर के बजट को बिगाड़ दिया है। कुछ सब्जियों के दाम तो फलों से भी महंगे हो गए हैं। एक नींबू 10 रुपये में बिक रहा है। वहीं, अगर एक किलो नींबू खरीदने जाते हैं तो दुकानदार 200 से 250 रुपये प्रति किलो की मांग कर रहे हैं। हालांकि, थोक मंडियों में नींबू के दाम काफी कम हैं। इसी तरह भिंडी, परवल, खीरा, घीया, तोरई समेत कई और सब्जियां भी रुला रही है। भिंडी 120 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं। वहीं करेला 80 रुपये से लेकर 100 रुपये के बीच बिकने लगे हैं। अमूमन नवरात्र में प्याज के दाम घट जाते हैं, लेकिन इस बार प्याज भी 30 से 40 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं। जमाखोरी और ट्रांसपोर्टेशन खर्च में बढ़ोतरी से कई तरह के सब्जियों के दाम में जबरदस्त उछाल आया है। गाजर 50 से 60 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं। अदरक 70 से 80 रुपये प्रति किलो, शिमला मिर्च 90 से 100 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं। पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम जिस तरह से बढ़ रहे हैं, उसी तरह नवरात्र में सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ने से यातायात किराया बढ़ जाने से ये हालात पैदा हुए हैं। फलों और सब्जियों के दाम बढ़ते जा रहे हैं। महंगाई की मार लोगों पर साफ नजर आ रही है। सब्जियां लगातार लोगों की पहुंच से बाहर हो गई हैं। देश के हर कोने में खाद्य पदार्थों की चीजों में बढ़ोतरी ने रसोई घर का बजट बिगाड़ दिया है। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम के बाद सब्जियों के दाम जिस तरीके से आसमान छू रहे हैं, उसने आम लोगों के लिए एक बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है। टमाटर की कीमत की अगर बात करें तो 2 महीने पहले तक जहां टमाटर की कीमत 20 रुपये किलो थी, वह पिछले कुछ दिनों में तीन से चार गुना बढ़ चुकी है। ऐसे में लोक लुभावन वादों से भी भविष्य में गंभीर आर्थिक संकट आ सकता है।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ