भारतीय जन महासभा के द्वारा वृहस्पतिवार को विश्व स्वास्थ्य दिवस बड़े ही धूमधाम के साथ हिन्दू पीठ , जमशेदपुर के प्रांगण में मनाया गया ।
यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के आदित्यपुर केंद्र के सहयोग से मनाया गया ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने कहा कि इसके संचालक श्री अजीत सिंह जी है और आदित्यपुर स्थित कल्पनापुरी रोड नंबर 2 में इनकी जन औषधि परियोजना दवाइयों की दुकान है ।
स्वागत भाषण संस्था के संरक्षक श्री राजेंद्र कुमार अग्रवाल ने दिया और उन्होंने बताया कि आज देश को इस प्रकार की ही जेनेरिक दवाओं की आवश्यकता है जो कम कीमत पर गरीबों को उपलब्ध हो सके ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि विश्व प्रसिद्ध नदी विशेषज्ञ व पर्यावरणविद एवं इंजीनियर श्री दिनेश कुमार मिश्र जी के कर कमलों के द्वारा एक अशोक पौधा का रोपण किया गया ।
जानकारी दी गई है कि प्रतिदिन पौधे में पानी देने का कार्य हिन्दू पीठ के लोगों के द्वारा किया जाएगा ।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के आदित्यपुर केंद्र के संचालक अजीत सिंह ने जेनेरिक दवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी ।
समारोह के मुख्य अतिथि विश्व प्रसिद्ध नदी विशेषज्ञ व पर्यावरणविद एवं इंजीनियर दिनेश कुमार मिश्र जी ने कहा कि भारतवर्ष में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति बहुत ही प्राचीन काल से है । भारतीय आयुर्विज्ञान के महान चिकित्सक महर्षि सुश्रुत ( जो विश्व के पहले शल्य चिकित्सक थे, जिन्होंने सुश्रुत संहिता लिखी) ने अपने विद्यार्थियों को, उनकी शिक्षा पूरी होने पर परीक्षा लेने के लिए कहा कि जाओ और जंगल से जितनी अनौषधि (वह वनस्पति जिसमें औषधीय गुण नहीं हो) मिले, सब ले आओ । सभी शिष्य एक-दो दिनों में अनेक वनस्पतियां लेकर गुरु के सम्मुख उपस्थित हो गए, परन्तु चरक नहीं लौटे । लगभग पन्द्रह दिनों के बाद चरक थके हारे, मलिन मुख लिए, खाली हाथ लौटे और गुरु से कहा कि गुरुवर मुझे ऐसी कोई वनस्पति नहीं मिली जो अनौषधि हो । गुरु ने सभी शिष्यों को बुलाकर कहा कि मेरा यही शिष्य आज परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ है । गुरु ने चरक को गले लगाकर कहा कि वत्स, तुम्हारी शिक्षा पूरी हुई । यह सच है कि कोई ऐसी वनस्पति नहीं है जिसमें कोई औषधीय गुण नहीं हो। यही चरक आगे चलकर महर्षि चरक के नाम से प्रसिद्ध हुए और उन्होंने चिकित्सा शास्त्र के सबसे अधिक प्रामाणिक ग्रन्थ चरक संहिता की रचना की ।
उन्होंने कहा कि दूसरी चीज है वह बच्चों के लिए कि वनस्पतियों से हम नम्रता सीखते हैं । अगर आप किसी पेड़ पर खूब फल लगे देखते हैं तो देखेंगे कि उसकी डालें झुक जाती है , इससे यह शिक्षा मिलती है कि अगर आप समाज की दृष्टि में बहुत बड़े हो जाते है तो आपको उतना ही विनम्र होना चाहिए ।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने कहा कि पूर्व में उनके द्वारा करीब 4500 से 5000 रुपये तक की प्रत्येक महीने दवाइयां मार्केट से लेनी पड़ती थी । जब से प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के संचालक से भेंट हुई और उनके यहां से एक-दो बार दवाइयां ली तो लगा कि कोई फर्क नहीं है और इस प्रकार अब दवाइयों का खर्च लगभग केवल 1200 रुपये प्रति माह होता है ।
कहा कि अगर ओल्ड एज में 3000 रुपये के लगभग प्रत्येक माह बचत हो तो वृद्ध जनों को खुशी ही मिलती है ।
कार्यक्रम का संचालन श्री अजीत सिंह ने किया ।
धन्यवाद ज्ञापन हिंदू पीठ के अध्यक्ष अरुण सिंह ने किया ।
कार्यक्रम में श्री पोद्दार के अलावे श्री दिनेश कुमार मिश्र , राजेंद्र कुमार अग्रवाल , अजीत सिंह , अरुण सिंह , विजय कुमार सिंह , प्रकाश मेहता , पिंकी देवी , बाल किशन , संतोष कुमार गनेड़ीवाला ,अमरनाथ जायसवाल , प्रकाश दुबे , पंकज कुमार सिंह , सोनू मिश्रा , बसंत कुमार सिंह , हरेंद्र नाथ झा , विजय कुमार अग्रवाल , अवधेश कुमार सिंह एवं अन्य बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे ।
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