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मान भी अपनाएंगे योगी फार्मूला

मान भी अपनाएंगे योगी फार्मूला

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
गरीबों और सरकार की जमीन पर कब्जा करना दबंगों के लिए कमाई का बहुत आसान रास्ता बन गया है। सबसे ज्यादा सरकारी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। यह बीमारी देश भर मंे छा गयी है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के प्रथम कार्यकाल मंे ही इस पर गंभीरता से प्रयास शुरू किया। उन्हांेने आक्रामक रुख अपनाया। प्रदेश की जनता ने भी इसे पसंद किया और माना जा रहा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव मंे भाजपा की जीत में भूमाफियाओं के खिलाफ उठाये गये सख्त कदमों की भी भूमिका रही है। योगी की सरकार का यह कदम इतना सार्थक रहा कि अब दबंग अपने अवैध निर्माण को खुद ही गिराने लगे हैं। पंजाब मंे पहली बार आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार बनी है और भगवंत मान ने अपने राज्य में भी सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों को चेतावनी दी है। भूमाफिया चेतावनी से मानते नहीं हैं। भगवंत मान को भी इस मामले मंे योगी का फार्मूला लागू करना पड़ेगा। माना जा रहा है कि पंजाब मंे भी लाखों एकड़ जमीन पर दबंगों ने कब्जा जमा रखा है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को पंचायती जमीन पर कब्जा करने वालों से इन्हें खाली करने की अपील की है। उन्होंने अवैध भूमि कब्जा धारकों को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि वे 31 मई तक जमीन खाली कर दें, नहीं तो सरकार उनके पुराने कब्जों पर नए मामले ठोकेगी। ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा है कि “मैं उन लोगों से आग्रह करता हूं जिन्होंने सरकारी या पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है, चाहे वे राजनेता हों या अधिकारी या कोई प्रभावशाली लोग, अपना अवैध कब्जा छोड़ दें और 31 मई तक जमीनों को सरकार को सौंप दें”। इस मुहिम के अंतर्गत एक महीने के अंदर 31 मई 2022 तक 5 हजार एकड़ पंचायती जमीन से अवैध कब्जे हटाने का लक्ष्य निश्चित किया गया है। सरकार ने हाल ही में सीएम मान के गृह क्षेत्र में करीब 2 करोड़ की भूमि के अवैध कब्जों को छुड़वा कर पंचायतों को सौंपा है। इससे पूर्व करीब 29 एकड़ भूमि को भी अवैध कब्जा धारकों से छुड़वाकर पंचायतों के हवाले कर दिया गया है। राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप धालीवाल ने अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नरों और जिला विकास और पंचायत अधिकारी के साथ उच्च स्तरीय अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा है कि सख्ती से सिविल और पुलिस प्रशासन की मदद से पंचायती जमीन से नाजायज कब्जे हटाए जाएं। ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ने इस साल कृषि योग्य पंचायती जमीनों की खुली बोली सुनिश्चित बनाने के लिए वीडियोग्राफी करने के आदेश जारी करते हुए कहा कि खुली बोली संबंधी की जाने वाली अनाउंसमेंट की भी वीडियो रिकॉर्डिंग बनाई जाए।

भूमाफिया समझाने-बुझाने से मानते नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में भी योगी ने पहले यही रास्ता अपनाया था लेकिन जब बात नहीं सुनी गयी तो योगी सरकार का बुलडोजर अवैध निर्माणों पर चल रहा है। अवैध कब्जा कर निर्माण करने वाले बिल्डर दहशत में दिख रहे हैं। ऐसे में लखनऊ में माफिया मुख्तार का करीबी बिल्डर खुद ही अपनी अवैध इमारत को गिराते हुए दिखा है। यह अवैध बिल्डिंग सपा सरकार में बनी थी। यहां बिल्डर ने राजनीतिक रसूख के बूते कब्जा जमाया था। यूपी की योगी सरकार अवैध निर्माणों और भूमाफियाओं पर कार्रवाई को लेकर सख्त है। अतिक्रमणों पर सरकार बुलडोजर चला रही है। बुलडोजर की दहशत अवैध निर्माण करने वाले बिल्डरों पर इस कदर हावी है कि माफिया मुख्तार का करीबी बिल्डर खुद ही अपनी अवैध इमारत गिराने लगा। यह अवैध बिल्डिंग सपा सरकार में बनी थी। उस समय बिल्डर के रसूख का आलम यह था कि अवैध कब्जे रोकने वाले एलडीए की ही जमीन को कब्जा कर यह बिल्डिंग अवैध रूप से बनाई गई थी। लखनऊ में लालबाग स्थित एलडीए के कार्यालय के पड़ोस ही मुख्तार के करीबी माफिया ने एलडीए की ही जमीन कब्जा कर अवैध बिल्डिंग बना ली थी। यह बिल्डिंग गाजीपुर निवासी बिल्डर रईस आलम सिद्दीकी की है। बिल्डर रईस को मुख्तार का करीबी बताया जाता है। इस बिल्डिंग को गिराने के लिए पिछले दिनों एलडीए ने आदेश जारी किए। इसकी नोटिस अवैध इमारत पर चस्पा की गई। एलडीए ने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की तैयारी की थी, लेकिन इससे पहले ही बिल्डर रईस ने बिल्डिंग को खुद ही गिरवाना शुरु कर दिया है। इस अवैध निर्माण पर योगी सरकार 2017 में बनने के बाद ही कार्रवाई शुरु हो गई थी, लेकिन बिल्डर ने कानूनों की दुहाई देकर किसी तरह कई वर्षों तक खुद को कार्रवाई से बचाने की कोशिश की, लेकिन मामला प्रवर्तन निदेशालय में पहुंचने पर कार्रवाई तेज कर दी गई और ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए गए। लखनऊ में ही 43 से ज्यादा ऐसी अवैध इमारतें चिन्हित की गई हैं।

पंजाब में तीन मई को मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने गांव सतौज पहुंचे थे। तब उन्होंने अपने गांव के किसानों से धान की सीधी बिजाई करने और पंचायती जमीन से अवैध कब्जा त्याग कर पंजाब में मिसाल कायम करने की अपील की थी। सुनाम के गांव सतौज के लोगों ने मुख्यमंत्री बने अपने गांव के बेटे भगवंत की अपील का मान रखकर पंजाब में नई मुहिम का आगाज किया है। कुछ दिनों के भीतर यहां के लोगों ने स्वेच्छा से करीब दस एकड़ पंचायती जमीन से अपना कब्जा हटाकर जमीन को पंचायत के हवाले कर दिया है। करीब पांच एकड़ जमीन शेष है जिसे जल्द ही पंचायत को सौंपा जाएगा।

जानकारी के अनुसार, पंजाब में लाखों एकड़ जमीन इसी प्रकार अवैध कब्जे में है। मुख्यमंत्री भगवंत मान इस जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करवाने की कोशिश कर रहे हैं। सीएम की इस कोशिश को उनके गांव सतौज के लोगों ने आगे बढ़ाया है। गांव के सरपंच के अनुसार, इससे गांवों के लिए आय के द्वार खुलेंगे और जरूरी विकास करवाने के लिए ग्रांटों पर निर्भरता कम होगी। गांव के सरपंच चरणा सिंह ने बताया कि पिछले कई दशकों से इस जमीन पर कब्जा था लेकिन गांव के बेटे के सीएम बनते ही लोगों ने जमीन, पंचायत को सौंप दी है। सरपंच ने कहा कि पहले गांव को आमदनी नहीं थी लेकिन अब इस जमीन से गांव को आय होगी और विकास के जरूरी कार्य करवाए जा सकेंगे। राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ने गत दिनों मोहाली में रेड की उन्होंने एक सेवामुक्त कैप्टन की अवैध कब्जे वाली 29 एकड़ जमीन को छुड़ाया। इस पर 2007 से कब्जा था। यह जमीन पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के सिसवां फार्म हाउस और अकाली प्रधान सुखबीर बादल के होटल सुख विलास के नजदीक है। मंत्री की इस कार्रवाई के बाद अवैध कब्जा करने वालों में खलबली मच गई है। मंत्री कुलदीप धालीवाल ने कहा कि इस जमीन की कीमत करोड़ों में है। अब यहां पानी का प्रबंध कर इसे खेतीबाड़ी के लिए ठेके पर दिया जाएगा। उससे पंचायत की इनकम बढ़ेगी। रसूखदारों के कब्जे के सवाल पर धालीवाल ने कहा कि पंजाब से बड़ा कोई नेता नहीं है। सरकार पूरे राज्य में पहले फेज में 5 हजार एकड़ से अधिक जमीन के ऊपर से कब्जे हटाएगी।
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