मजदूर
हाँ,हम हैं पढ़े-लिखे,
देश का एक मजदूर,
हम देश का बोझ उठाते हैं,
महल,अटारी बनाते है,
मिलते हैं जो पैसे हमें,
उससे रूखी-सुखी खाते हैं ।
करते हैं जी तोड़ मेहनत,
अपना पसीना बहाते हैं,
नहीं करते शिकायत किसी का,
नहीं हाथ फैलाते हैं,
रहते हैं खूद में मस्त,
हँसते,मुस्कुराते हैं।
करते हैं जब हम मजदूरी,
तब हम कमाते हैं,
नहीं करते मजदूरी जिसदिन,
उस दिन भूखे रह जाते हैं
देश को अपना श्रम देकर,
अपनी भूमिका निभाते हैं।
------0-------
अरविन्द अकेला,पूर्वी रामकृष्ण नगर,पटना-27हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews
https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com