Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

बुद्ध

बुद्ध


बुद्ध
हे बुद्ध ! आप धर्म ग्रंथों से रहे दूर
नहीं था कोई गुरु आपका
न कोई मार्ग बताने वाला
आपने सिद्धार्थ बनकर
राह चलते एक दिन
जीर्ण शीर्न काया देखी
बीमार देखा, मृत्यु देखी
ये दृश्य मात्र ले गये
आपको बुद्ध बनने की राह पर


पर हे बुद्ध !
क्या आप जानते हैं
कि आज का मानव
ऐसे दृश्यों को रोज देखता है
फिर कर देता है नजरअंदाज
क्योंकि, वह न तो सिद्धार्थ जैसी विरक्ति चाहता है
न ही पाना चाहता है
आपके जैसा परम ज्ञान


आज जब दुनिया के सामने
‘युद्ध या बुद्ध ?’ का प्रश्न खड़ा है चुनौती बनकर
तब कुछ लोग आपके छद्म वेश में,
जो विश्व में माने जाते हैं
सहनशीलता, धैर्य, अहिंसा,
मैत्री के प्रतीक
आज स्वयं अपने अंदर जला रहे हैं
हिंसा की आग
कर रहे हैं मानवता की हत्या


तब हे तथागत !
आखिर यह दुनिया
घृणा और अहंकार त्याग कर
कब चलेगी आपकी राह पर।


-- वेद प्रकाश तिवारीपरसौनी आनंदघन, भाटपार रानी, देवरिया । (यूपी )
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ