जो आया है इस दुनिया में जायेगा
अमर नहीं कोई भी बचने न पायेगा।
जन्म लिया तो मृत्यु भी निश्चित है,
समय अटल निश्चित मारा जायेगा।
मार्क्सवाद के सभी पुरोधा ख़त्म हो गये,
लेनिनवादी लाल कफ़न में सभी सो गये।
जिस देश से वाम पंथ ने श्वांस भरी थी,
उसी जगह पर उनके पुतले ध्वस्त हो गये।
कराह रही है मानवता, देख रही तेरी मनमानी,
ख़त्म कर दिया यूक्रेन, यूरोप मिटाने की ठानी।
दे रहे रोज़ धमकियाँ, परमाणु बम चलाने की,
ख़त्म हुई तानाशाही, मानवता सबने पहचानी।
अमेरिका तो व्यापारी, हित अपने देखता,
चीन विस्तार की नीति, हित अपने देखता।
सबके अपने हित, अपने अपने सपने हैं,
निःस्वार्थ भाव भारत, सबमें अपने देखता।
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