भगवान के डाकिए
फूलों की मस्त बहार,
बहती हुई बयार।
पेड़ पौधे नदी नाले,
ईश्वर के डाकिए।
पशु पक्षी जीव जंतु,
काले काले मेघ घने।
हंसी वादियां पर्वत,
ईश्वर के डाकिए।
चेहरे की चमक भी,
होठों की मुस्काने सारी।
दिलों की धड़कनें भी,
ईश्वर के डाकिए।
अनजान राहें सारी,
अनकहे शब्द मीठे।
आत्मा की आवाज मानो,
ईश्वर के डाकिए।
रमाकांत सोनी सुदर्शननवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान
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