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प्रियंका-राहुल में बंटी कांग्रेस!

प्रियंका-राहुल में बंटी कांग्रेस!

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

  • एक धड़े ने की प्रियंका को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग
  • राहुल को देश की जनता से जुड़ने के लिए भेजा जाएगा राष्ट्र यात्रा पर

राजस्थान के गुलाबी शहर में कांग्रेस की गुलाबी राजनीति नजर आयी। श्रीमती सोनिया गांधी ने कांग्रेस को मजबूत करने के लिए जहां पार्टी के नेताओं से अपील की वहीं दार्शनिक नेता कहे जाने वाले प्रमोद कृष्णन ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर ही साफ-साफ सवाल उठा दिया। उन्हांेने यह तो नहीं कहा कि राहुल गांधी असफल हो गये हैं लेकिन यह कहा कि प्रियंका गांधी को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। उन्हांेने यह भी कहा कि प्रियंका गांधी इस जिम्मेदारी को निभा सकती हैं। उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर इस दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हो गया क्योंकि युवा नेता सचिन पायलट से यह सवाल किया गया कि क्या प्रियंका गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं तो इसका सीधा जवाब न देते हुए सचिन ने कहा कि सभी को अपनी बात रखने का हक है। दरअसल, इस सच्चाई को श्रीमती सोनिया गांधी सुनना नहीं चाहती हैं लेकिन कांग्रेस के प्रति थोड़ी भी सहानुभूति रखने वाले यही कहते हैं कि भले ही 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी कोई चमत्कार नहीं दिखा सकीं, लेकिन राहुल गांधी से तो इसकी अपेक्षा ही नहीं की जा सकती। इसलिए प्रियंका गांधी को एक मौका और देना चाहिए। बहरहाल, यह तो श्रीमती सोनिया गांधी ने भी कहा है कि पार्टी बदलाव के लिए तैयार है।

राजस्थान के उदयपुर में संपन्न हुए कांग्रेस के तीन दिवसीय नव संकल्प शिविर में कई अहम और बड़े फैसले लिये गए हैं। शिविर में छह अलग-अलग ग्रुप की ओर से किए गए मंथन और सुझावों के बाद पहले कांग्रेस वर्किंग कमेटी में इन प्रस्तावों हरी झंडी दी गई और बाद में ओपन सेशन में इन्हें पारित किया गया। कांग्रेस के नव संकल्प शिविर में राहुल गांधी की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी की मुहिम के बीच कुछ नेताओं ने प्रियंका गांधी को कमान सौंपने की मांग कर डाली। प्रियंका गांधी के नजदीकी आचार्य प्रमोद कृष्णन ने चिंतन शिविर में एक बैठक के दौरान सोनिया गांधी से मांग की कि राहुल गांधी अध्यक्ष बनाने को लेकर सहज नहीं हैं। इसलिए प्रियंका गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाए। प्रमोद कृष्णन जिस वक्त यह मांग कर रहे थे तब सोनिया गांधी के साथ प्रियंका गांधी भी बैठी थीं। सोनिया और प्रियंका गांधी तो प्रमोद कृष्णन की इस मांग पर कुछ नहीं बोले लेकिन दीपेंद्र हुड्डा ने यह कहकर इस मांग को समर्थन दे दिया कि प्रियंका गांधी को सिर्फ यूपी में सीमित नहीं रखना चाहिए। इस शिविर में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत राहुल गांधी, प्रियंका गांध्ी और देशभर से पार्टी के सभी आला नेता तथा संगठन पदाधिकारी जुटे थे। शिविर के समापन सत्र में राहुल गांधी ने पार्टी को एकजुटता और मेहनत का सूत्र देते हुये जनता पर फोकस करने का आह्वान किया।

नव संकल्प शिविर में पारित किए गए महत्वपूर्ण प्रस्तावों में अगले 90 से 180 दिनों में पूरे देश में ब्लॉक से लेकर जिला, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के खाली पदों पर नियुक्तियां करना, ब्लॉक कांग्रेस के साथ-साथ मंडल कांग्रेस कमिटियों का भी गठन करना शामिल है।

संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर 3 नए विभागों का गठन होगा। ‘पब्लिक इनसाइट डिपार्टमेंट’ बनेगा। यह विभिन्न विषयों पर जनता के विचार जानने और नीति निर्धारण के लिये तर्कसंगत फीडबैक कांग्रेस नेतृत्व को देंगे। ‘राष्ट्रीय ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट’ का गठन होगा। यह पार्टी की नीतियों, विचारधारा, दृष्टि, सरकार की नीतियों और मौजूदा ज्वलंत मुद्दों पर पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देगा। केरल स्थित ‘राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज’ से इस राष्ट्रीय ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की शुरुआत होगी। ‘इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट’ बनेगा जिससे हर चुनाव की तैयारी प्रभावशाली तरीके से होगी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव (संगठन) के तहत ब्लाक से लेकर जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों के कार्य का मूल्यांकन होगा। इसी के आधार पर पार्टी में उन्हें प्रमोशन मिलेगा। निष्क्रिय पदाधिकारियों की छंटनी होगी। पांच वर्षों से अधिक कोई भी व्यक्ति एक पद पर नहीं रहेगा। नए लोगों को मौका दिया जाएगा।

संगठन में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ का सिद्धांत लागू होगा। ‘एक परिवार, एक टिकट’ का नियम भी लागू होगा। यदि किसी के परिवार में दूसरा सदस्य राजनीतिक तौर से सक्रिय है तो पांच साल के संगठनात्मक अनुभव के बाद ही वह व्यक्ति कांग्रेस टिकट के लिए पात्र माना जाएगा। इस प्रकार के संकल्पों पर कांग्रेस चल पाएगी, इसमें संदेह है।

प्रमोद कृष्णन ने कहा कि राहुल गांधी से काफी समय से कांग्रेस के नेता अनुरोध करते रहें है कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी संभाल लें लेकिन वे अभी तक इसके लिए तरह तैयार नहीं हैं। अब राहुल गांधी अगर तैयार नहीं है तो ऐसी स्थिति में प्रियंका गांधी सबसे अच्छा विकल्प है। प्रमोद कृष्णन ने कहा कि प्रियंका गांधी को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। वे इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा सकती हैं। इस प्रकार चिंतन शिविर मैं पार्टी के नेता दो गुटों में बंटे नजर आए। अधिकतर नेता जहां एक तरफ राहुल गांधी को कमान सौंपने की वकालत करते दिखे लेकिन एक गुट इस प्रयास में दिखा कि प्रियंका गांधी को यह जिम्मेदारी दी जाए। चिंतन शिविर में राहुल बनाम प्रियंका गांधी का माहौल बनते देख सोनिया गांधी ने शिविर में एक बड़ा ऐलान कर दिया कि राहुल गांधी ट्रेन से देशभर की यात्रा करेंगे और लोगों से मिलेंगे। हालांकि इसकी औपचारिक इसका सीधा संदेश पार्टी नेताओं को है कि वो राहुल गांधी को ही अध्यक्ष चाहती हैं। हालांकि ‘नव संकल्प शिविर’ में राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि लोगों के साथ कांग्रेस का ‘कनेक्शन’ टूट गया है, और इसे तत्काल सुधारने की आवश्यकता है। देश की जनता के साथ संबंध को फिर से स्थापित करने के लिए, सोनिया गांधी ने घोषणा की कि इस 2 अक्टूबर से कांग्रेस भारत यात्रा शुरू करेगी। पार्टी ने अपने तीन दिवसीय चिंतन शिविर के अंत में नए और युवा चेहरों को नेतृत्व की भूमिका में लाने के लिए कई संगठनात्मक सुधारों की भी घोषणा की है। देखना यह है कि यह चिंतन शिविर कांग्रेस में कोई बड़ा बदलाव ला पाएगा? (
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