मोहब्बत की परिभाषा
मोहब्बत की शुरुआत
निगाहों से होती है।
शर्म हाया ही नारी की
सदा ही जान होती है।
जो करता इन चीजों का
अपने जीवन में अनुसरण।
मोहब्बत इन्हीं लोगों की
सदा परवान चढ़ती है।।
बड़ा मुश्किल होता हैं
किसी से दिल लगाना।
जमाना कितना गंदा है
मोहब्बत वालों के लिए।
उड़ाते है गलत खबरे
मोहब्बत करने वालों की।
बिना वजह ही उन्हें
बदनाम कर देते है।।
मोहब्बत करने वालें
बहुत ही साफ पाख होते है।
कुछ गंदी सोच वालो के चलते
मोहब्बत आजकल खेल बन गई।
और मोहब्बत के नाम पर
अब जिस्म परोसी बन गई।
तभी तो लोगों ने ही अब
बदल दी इसकी परिभाषा।।
जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" मुंबईहमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
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