म्यांमार की मदद के पीछे ड्रैगन का स्वार्थ
नाएप्यीडॉ। म्यांमार में 2021 से सैन्य तख्तापलट के बाद चीजें तेजी से बदल रही हैं। इस बीच चीन ने न केवल म्यांमार के सैन्य सरकार के संकटमोचन के रूप में काम किया, बल्कि हथियार और गोला-बारूद देकर सहायता भी की है। चीन ने खुद कहा है कि म्यांमार की सेना तातमाडॉ के साथ उसके संबंध ऐतिहासिक हैं। चीन ने ये भी कहा है कि वह आगे भी म्यांमार की मदद करेगा। चीन आखिर म्यांमार की इतनी तारीफ क्यों कर रहा है? इसके पीछे ड्रैगन का बड़ा स्वार्थ है। चीन का प्लान युन्नान प्रांत से म्यांमार के हिंद महासागर तट तक एक ट्रांसपोर्ट और कम्यूनिकेशन कॉरिडोर बनाने का है। यह प्रोजक्ट चीन म्यांमार आर्थिक गलियारे (सीएमईसी) का हिस्सा है। इस प्रोजक्ट से चीन के आर्थिक और रणनीतिक हित सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। यही कारण है कि अपने प्रोजक्ट को पूरा करवाने के लिए चीन म्यांमार की सैन्य सरकार का समर्थन करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। विदेश मंत्री वांग यी ने म्यांमार के अपने समकक्ष वुन्ना मौंग ल्विन को बताया कि चीन ने म्यांमार को हमेशा अपने पड़ोसी कूटनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान पर रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन की इच्छा आपसी व्यापार और सहयोग गहरा करने की है। चीन के इस समर्थन के बाद आशंका जताई जा रही है कि म्यांमार की सेना अपने विरोधियों के खिलाफ बल प्रयोग को और ज्यादा बढ़ा सकती है। इतना ही नहीं, चीन की शह पर जुंटा सरकार लोकतंत्र समर्थक नेताओं की हत्या भी करवा सकती है।
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