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राष्ट्रपति का गरिमापूर्ण संबोधन

राष्ट्रपति का गरिमापूर्ण संबोधन

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने उत्तर प्रदेश विधान मंडल के संयुक्त सदन को संबोधित करते हुए अपने पद की गरिमा तो बनाए ही रखी साथ ही प्रदेश के गौरवशाली इतिहास को भी राजनीति की परछाई से दूर रखा। उन्होंने बताया कि देश की पहली महिला मुख्यमंत्री और पहली महिला राज्यपाल देने का गौरव भी उत्तर प्रदेश को ही हासिल है। राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता काल की घटनाओं का स्मरण कराते हुए पंडित नेहरू, गोविन्द वल्लभ पंत, चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, मंगल पांडे, राजा सुहेल देव समेत कई विभूतियों को याद किया। देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाला यह प्रदेश जर्मनी, फ्रांस और इंग्लैण्ड की कुल जनसंख्या के बराबर का राज्य है। राष्ट्रपति ने यूपी के मुख्यमंत्रियों मंे गोविन्द वल्लभ पंत, चंद्रभानु गुप्त, संपूर्णानंद, कल्याण सिंह के साथ मुलायम सिंह यादव और मायावती को भी प्रदेश के विकास का भागीदार बताया। राष्ट्रपति ने कहा कि देश के गौरवशाली इतिहास मंे उत्तर प्रदेश सबसे आगे खड़ा दिखता है। उन्होंने कहा, महिला सशक्तीकरण की शुरुआत यूपी से ही हुई थी। अपनी मौजूदा यात्रा का जिक्र करते हुए काशी में हुए भव्य परिवर्तनों को देख उन्हंे महात्मा गांधी के शब्द याद आ गये। राष्ट्रपति ने सदन मंे हुई कुछ अप्रिय घटनाओं की याद भी दिलाई लेकिन कहा यूपी विधानमंडल के गलियारों मंे जहां आपका आना-जाना होता है, वहीं आपके यशस्वी पूर्ववर्ती लोग भी आते-जाते थे। उन्हांेने कहा जब हमारा देश आजादी के सौ वर्ष पूरे करेगा तो निश्चित रूप से यूपी सबसे अग्रिम पंक्ति में खड़ा होगा।

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत विधानमंडल का विशेष सत्र 6 जून को आहूत किया गया था। विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त विशेष सत्र को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने सदन के सभी सदस्यों को चुने जाने पर बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा कि, यह बेहद महत्वपूर्ण है कि लोकसभा के सर्वाधिक सदस्य यूपी से ही चुने जाते हैं। देश के वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश से ही चुनकर बने हैं। राष्ट्रपति कोविंद ने अपने संबोधन के दौरान विधानसभा में महिला सदस्यों को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि, यूपी विधानसभा में महिला सदस्यों की संख्या 47 है जो कि कुल सदस्यों 403 का 12 प्रतिशत है। वहीं, विधान परिषद में कुल 100 सदस्यों में महिलाओं की संख्या सिर्फ पांच है जिसे और बढ़ाए जाने की जरूरत है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के गौरवशाली इतिहास से लेकर मौजूदा समय में योगी सरकार के कामकाज तक का जिक्र किया। राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश के विधानमंडल के इतिहास को याद करते हुए कहा कि आजाद भारत में यूपी में ही पहली महिला मुख्यमंत्री का इतिहास रचा गया। बंगाल में जन्मीं और सिंधी परिवार में ब्याही गईं सुचेता कृपालानी राज्य की पहली मुख्यमंत्री बनीं। राष्ट्रपति ने कहा कि इतिहास के हर दौर में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य रहा है। संविधानसभा में भी सबसे अधिक प्रतिनिधि इसी राज्य से थे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानमंडल के दोनों सदनों को संबोधित करने के लिए उनका आभार जताया। सीएम योगी ने कहा कि एक साधारण से परिवार में जन्म लेने के बाद देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचना यह भारत के लोकतंत्र के लिए गर्व की बात है। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश विधान मंडल अनेक ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है। चाहे वो सामाजिक क्षेत्र की हों, आर्थिक क्षेत्र की हों या राजनीतिक क्षेत्र की हों। विधानमंडल ने कई क्षेत्र में समय-समय पर देश को एक नई दिशा व विभिन्न विधान मंडलों को नया मार्गदर्शन दिया है। सीएम योगी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि महामहिम राष्ट्रपति जी के सम्बोधन से माननीय सदस्यगण लाभान्वित एवं प्रेरित होंगे। उनके आशीर्वचन माननीय सदस्यों के संसदीय व विधायी जीवन के सफलता में एक मार्गदर्शक सिद्ध होगा। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष और सपा

अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सदन को संबोधित किया। उन्होंने राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि, हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, लेकिन एक सच ये भी है कि बिना भेदभाव खत्म हुए आजादी का कोई मतलब नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष के भाषण मंे राजनीति पर राष्ट्रपति ने ध्यान नहीं दिया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विधानसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि 25 साल बाद जब देश स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ मना रहा होगा, तब उम्मीद करते हैं कि यूपी देश का अग्रणी राज्य होगा और भारत विकसित देशों की पंक्ति में खड़ा होगा। उन्होंने अपने भाषण में सदन के सदस्यों को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और भगवान बुद्ध के आदर्शों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी की याद दिलाई। कोविंद ने कहा, बाबा साहेब अंबेडकर कहा करते थे कि भारतीय लोकतंत्र के बीज हमें पश्चिम के देशों से नहीं मिले बल्कि उनका स्पष्ट उदाहरण गौतम बुद्ध के समय देश में उपस्थित संघों की कार्य प्रणाली में मिलता है। उत्तर प्रदेश के कौशांबी और श्रावस्ती में ऐसी ही लोकतांत्रिक व्यवस्था मौजूद थी। आप (विधायक) उसी प्राचीन विरासत के उत्तराधिकारी हैं। आप सबके ऊपर बुद्ध और अंबेडकर के आदर्शों को बढ़ाने की जिम्मेदारी है। राष्ट्रपति ने कहा, वर्तमान यूपी विधानमंडल में विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधित्व का दायरा व्यापक हुआ है।

देश के गौरवशाली इतिहास में उत्तर प्रदेश के योगदान को याद करते हुए कोविंद ने कहा कि इतिहास के हर दौर में यूपी अग्रणी रहा है। भारत की संविधान सभा में सबसे ज्यादा सदस्य इसी राज्य के रहे। पुरुषोत्तम दास टंडन, जवाहर लाल नेहरू, जॉन मथाई, श्रीमती कमला चैधरी, महावीर त्यागी, पूर्णिमा बनर्जी जैसे लोगों ने देश निर्माण में अहम भूमिका निभाई। यूपी विधानमंडल के गलियारों में जहां आपका आना-जाना होता है, वहीं आपके यशस्वी पूर्ववर्ती लोग आते-जाते रहे थे।कोविंद ने कहा कि इस राज्य से लोकसभा के लिए निर्वाचित सांसदों में से 9 प्रधानमंत्रियों ने अब तक देश को प्रतिनिधित्व दिया। उन्होंने जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए उनके नेतृत्व की प्रशंसा की। इसके अलावा उन्होंने इसी सदन का हिस्सा रहे गोविंद वल्लभ पंत, चंद्रभानु गुप्त, संपूर्णानंद, कल्याण सिंह, मुलायम सिंह यादव और मायावती का भी जिक्र किया और प्रदेश का नेतृत्व करते हुए उनके योगदानों की प्रशंसा की। राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता काल में उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक घटनाक्रमों को याद करते हुए प्रदेश के गौरवशाली अतीत पर रोशनी डाली। उन्होंने प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भी याद किया। इसके अलावा गोरखपुर और संतकबीरनगर की अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि गीताप्रेस गोरखपुर की 100वीं वर्षगांठ में हिस्सा लेना उनके जीवन की एक महत्वपूर्ण घटना है। राष्ट्रपति ने उम्मीद जताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश आगे बढ़ेगा तो पूरे देश को विकास के लिए संबल मिलेगा। आशा करते हैं कि आज से 25 साल बाद जब आजादी के 100 साल का जश्न मनाया जाएगा तब उत्तर प्रदेश विकास में नंबर वन होगा और हमारा देश विकसित देशों की पंक्ति में खड़ा होगा।
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