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अग्निवीरों का विरोध क्यों?

अग्निवीरों का विरोध क्यों?

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
रक्षा के क्षेत्र में सैन्य बल बढ़ाने और युवाओं में बेरोजगारी को दूर करने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक बेहतर योजना बनायी। यह योजना भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बेरोजगारी के खिलाफ मिशन मोड का हिस्सा है। पीएम ने विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों में डेढ़ साल में दस लाख युवाओं को भर्ती करने का निर्देश दिया है। इसके तहत रेल मंत्रालय अगले एक साल में 148463 युवाओं को नौकरी देगा। इसी प्रकार केन्द्र सरकार के नियमित सिविल कर्मचारियों में भी 8 लाख 87 हजार पद भरे जाने हैं। रक्षामंत्रालय ने सेना के तीनों अंगों में युवाओं की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना पेश की है। इसके तहत एक साल में 46 हजार भर्तियां होंगी। इन सैनिकों को अग्निवीर नाम दिया गया है। चयनित युवा चार साल तक सेना में सेवा दे सकेंगे। संविदा के आधार पर होने वाली इस भर्ती में शुरू में 30 हजार रुपये वेतन मिलेगा। रक्षामंत्री ने हालांकि स्पष्ट किया कि चार साल बाद 25 फीसद युवाओं को आगे सेना में नौकरी मिलेगी साथ ही स्वस्थ शरीर और मन होने पर आधुनिक तकनीक कौशल के साथ उन्हंे समाज के विभिन्न हिस्सों में कार्य का अवसर मिलेगा लेकिन बिहार के युवाओं को संविदा भर्ती पसंद नहीं आ रही है। वे कहते हैं कि आर्मी रिक्रूटिंग आफिसर (एआरओ) ने दो साल पहले 8 जिलों के अभ्यर्थियों का फिजिकल और मेडिकल कराया था लेकिन उसके बाद लिखित परीक्षा को टाला जा रहा है। वे अग्निपथ स्कीम को अपने साथ धोखा समझ रहे हैं। रक्षामंत्रालय को इस बारे में पूर्व में मेडिकल करा चुके युवाओं को समझाना चाहिए।

बिहार में केंद्र सरकार की ओर से सेना में चार साल के लिए भर्ती स्कीम अग्निपथ को लेकर विरोध शुरू हो गया है। इसके साथ ही आर्मी के लिए होने वाली लिखित परीक्षा में हो रही देरी का विरोध किया जा रहा है। इन दोनों ही मुद्दों को लेकर 15 जून को बिहार के बक्सर में युवाओं ने ट्रेन पर पत्थर फेंके तो मुजफ्फरपुर में सड़कों पर उतरकर आगजनी की। बक्सर में सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने बक्सर-दानापुर रेल लाइन को जाम कर दिया और बक्सर रेलवे स्टेशन के पास बने माल गोदाम रेलवे ट्रैक पर आवाजाही रोक दी। सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने सेना बहाली के नए नियम अग्निपथ को लेकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने दिल्ली में इस स्कीम की घोषणा की थी। इसके तहत 17.5 साल से अधिक और 21 साल तक की आयु वर्ग के युवाओं को अग्निवीर के तौर पर भर्ती किया जाएगा और उन्हें 4 साल के लिए नौकरी मिलेगी। इसके साथ ही इनमें से ही 25 प्रतिशत युवाओं को आगे सेना में नियमित नौकरी के लिए चुना जाएगा और इसके लिए अलग से स्क्रीनिंग होगी। अग्निवीर के तौर पर काम करने के बाद सेवामुक्ति पर युवाओं को 11 लाख रुपये का एकमुश्त पैकेज देकर विदा किया जाएगा।

योजना अच्छी है लेकिन बिहार में अभ्यर्थी केंद्र सरकार के इस फैसले के विरोध में भी खड़े हो गए हैं। बक्सर के रास्ते पटना जा रही पाटलिपुत्र एक्सप्रेस पर पथराव किया गया। इस बीच काशी-पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस करीब 18 मिनट तक प्लेटफॉर्म संख्या एक पर रुकी रही। इससे रेल प्रशासन और यात्री हैरान व परेशान दिखे। दूसरी ओर मुजफ्फरपुर में सैंकड़ों की संख्या में आर्मी कैंडिडेट सड़क पर उतर आए और उग्र प्रदर्शन किया। शहर के भगवानपुर चैक पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया और शहर के कई सड़कों को जाम कर दिया। मुजफ्फरपुर शहरी क्षेत्र में 15 जून को सुबह से ही सेना अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा की मांग को लेकर पहले चक्कर चैक को जाम कर हंगामा किया उसके बाद माड़ीपुर चैक फिर भगवानपुर चैक पर अभ्यार्थियों ने जाम कर दिया। अभ्यर्थियों का कहना है कि एआरओ के द्वारा दो साल पहले 8 जिलों के अभ्यर्थियों का फिजिकल और मेडिकल कराया गया था, लेकिन उसके बाद कभी कोरोना तो कभी कोई और बहाना करके लिखित परीक्षा लेने में विलंब किया जा रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि इस मामले में कर्नल भी कुछ नहीं बोल रहे हैं ,ऐसे में हम कहां जाएं। वहीं, केंद्र सरकार के 4 साल की सेना की नौकरी को लेकर भी अभ्यर्थी नाराज हैं और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन को उतर आए। अभ्यर्थियों की मांग है कि सीईई एग्जाम को शुरू किया जाए और टूर ऑफ ड्यूटी यानी टीओडी वापस ली जाए। साथ ही परीक्षा में 2 साल विलंब हुआ है इसके लिए उन्हें 2 साल की छूट दी जाए। अभ्यर्थियों ने अपनी मांग को लेकर भगवानपुर चैक जाम किया तो वहीं मारीपुर, चककर चैक के निकट भी लाठी डंडे लेकर प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि केवल 4 साल के लिए भर्ती किया जाना रोजगार के अधिकार का हनन करना है। यह समस्या अन्य राज्यों में भी फैल सकती है। हालांकि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अग्निपथ के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों के लिए बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अग्निपथ योजना युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए पीएम मोदी का एक दूरदर्शी और स्वागत योग्य निर्णय है। इसलिए इस योजना में चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। गृह मंत्रालय की तरफ से ट्वीट कर कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय के इस निर्णय से अग्निपथ योजना से प्रशिक्षित युवा आगे भी देश की सेवा और सुरक्षा में अपना योगदान दे पाएंगे। इस निर्णय पर विस्तृत योजना बनाने का काम शुरू हो गया है। ध्यान रहे 14 जून को देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों की मौजूदगी में प्रेस कांफ्रेंस कर अग्निपथ योजना का ऐलान किया है। इस योजना के तहत 4 साल के लिए युवाओं को भर्ती किया जाएगा। फिर जब वे नौकरी से मुक्त होंगे तो उन्हें सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर कहा जाएगा। बता दें कि अग्निवीर बनने के लिए 10वीं और 12वीं पास देश का कोई भी युवा जिसकी उम्र 17.5 से 21 साल के बीच है, वह आवेदन कर सकता है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अग्निपथ योजनाके तहत थल, वायु और नौ सेना में भर्ती होने के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता पर आधारित भर्ती योजना लाई जाएगी। जो युवा 10वीं के बाद अग्निवीर बनेंगे उन्हें सेना की ओर से ही 12वीं का सर्टिफिकेट मिलेगा। चयनित सभी युवाओं को 45000 तक वेतन प्रदान किया जाएगा जो पहले साल तक 30000 होगा, जिसे चैथे साल तक आते आते बढ़ाकर 40000 किया जाएगा। इसके साथ ही जोखिम, राशन, वर्दी और उपयुक्त यात्रा छूट भी प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही 4 साल के बाद 11.7 लाख की सेवा निधि प्रदान की जाएगी और इसे कर मुक्त रखा जाएगा। इस संदेश को देश के युवाओं तक पहुंचाना होगा।
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