मेरे प्यारे पापा
अनुभवो भरा खजाना, वो स्नेह का सिंधु सारा।
अपनापन अनमोल बांटते, सदा प्रेम की धारा।
सबकी खुशियों में खुश रह, भूल जाते बुढ़ापा।
मेरे प्यारे पापा, सबसे अच्छे, वो मेरे प्यारे पापा।
जीवन में मुस्कुराते रहते, खिलते हुए चमन से।
हंस-हंसकर हम से बतियाते, बड़े प्रेम अमन से।
संघर्षों से खुद भीड़ जाते, संयम शील धर आपा।
मेरे प्यारे पापा, सबसे अच्छे, वो मेरे प्यारे पापा।
प्रगति पथ हमको लाते, पाठ पढ़ाये अनुभव का।
संस्कार शिक्षा देकर, मन भाव भरे गौरव का।
कितना बड़ा दिल रखते, थाह को किसने नापा।
मेरे प्यारे पापा, सबसे अच्छे, वो मेरे प्यारे पापा।
सुख दुख में संबल हमारा, साथ वो सबका देते।
खुशियों का झरना प्यारा, हर गम को वो हर लेते।
मुश्किलों की क्या बिसात, काल भी डरकर कांपा।
मेरे प्यारे पापा, सबसे अच्छे, वो मेरे प्यारे पापा।
रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थानहमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
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