आतंकवाद ने अपनी बाहें फैलायी हैं
लिखना है तो रामायण का सार लिखो,
बढ़ता जाता अत्याचार, उपचार लिखो।
लिखना है तो मानवता की बात लिखो,
किया गया उपकार, तुम साभार लिखो।
आतंकवाद ने अपनी बाहें फैलायी हैं,
जातिवाद समस्या बनकर छायी है।
किसने फैलाया यह सब, विचार लिखो,
फैलाने वालों का बहिष्कार, प्रचार लिखो।
नेताओं ने आज देश को लूटा है,
अधिकारी है भ्रष्ट, बाबू भी नहीं छूटा है।
भ्रष्टाचार ने जड़ें, अमरबेल सी फैलाई हैं,
अमरबेल का करना नाश, उपचार लिखो।
लिखना है तो गीता का सार लिखो,
कर्मयोग प्रधान, नहीं फल की चाह लिखो।
मोहग्रस्त धृतराष्ट्र के कुल का नाश,
धर्म सदा विजयी, सच का साथ लिखो।
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