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बेवफ़ाई

बेवफ़ाई 

जितनी दफा तू ने याद किया,
उतनी दफा मैंने साथ दिया।

जितनी दफा मैंने याद किया
उतनी दफा तू ने दगा दिया!

अब तक समझ नहीं आया
तूने आखिर ये क्या किया।

मैंने तो तुझे प्यार दिया ,
तूने बदले में क्या दिया?

हर बार मेरी वफा के बदले ,
तूने मुझे सिर्फ धोखे दिए।

मैंने बेशुमार खुशियां दी,
तू ने बेहिसाब गम दिए।

 मैंने तेरी खातिर अपने
सपनों को कुर्बान किया,

तूने अपने स्वार्थ के लिए 
पल भर में भुला दिया!

हमने तुम्हें जीवन माना,
तुमने जीवन ही ले लिया।

इस कदर बेचैन करके
चैन-ओ-अमन ले लिया!

सुमित  मानधना 'गौरव', सूरत।
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