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हार और जीत एक ही सिक्के के दो पहलू है

हार और जीत एक ही सिक्के के दो पहलू है.... 

जीत को रखो हार को छोड़ो 

जीतने का जोश रख, हारने का डर नहीं।
जीतने का जज्बा रख, हारने का खौफ नहीं।

जीतने का जुनून रख, हारने का टेंशन नहीं।
जीतने का हुनर रख,
हारने की उम्र नहीं।

जीतने का हौंसला रख, हारने का अफसोस नहीं।
जीतने की फितरत रख, हारने की आदत नहीं।

जीतने का भरोसा रख, हारने का मंसूबा नहीं। 
हार और जीत दोनों अपने ही हाथ में है
मान लो तो हार है,
ठान लो तो जीत है।
 ✍सुमित मानधना 'गौरव', सूरत 😎
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