Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

भगवान जगन्नाथ और उनके नाम के शाब्दिक अर्थ को ईसाई मिशनरियों ने बदनाम करने का प्रयास किया |

भगवान जगन्नाथ और उनके नाम के शाब्दिक अर्थ को ईसाई मिशनरियों ने बदनाम करने का प्रयास किया |

भगवान जगन्नाथ और उनके नाम के शाब्दिक अर्थ को ईसाई मिशनरियों ने बदनाम करने का भरपूर कुप्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुए| धूर्त ईसाई पादरियों ने भगवान जगन्नाथ की तुलना बाइबिल में उद्धृत उस प्राचीन ग्रीक राक्षस “मोलक ऑफ़ केनन” से की जो अबोध शिशुओं की बलि से तृप्त होता था|
“जगन्नाथ” अर्थात पूरे विश्व के स्वामी से बने इंग्लिश के लोकप्रिय शब्द “JUGGERNAUT” “जगरनौट” का अर्थ होता है – असीमित शक्तिशाली; जिसे रोका न जा सके या जो किसी भी क्षेत्र में अपना परचम फहराकर सर्वश्रेष्ठ हो| उदाहरण – सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के जगरनौट हैं, रोजर फेडरर टेनिस के जगरनौट हैं या अजित डोवाल राष्ट्रीय सुरक्षा के जगरनौट हैं, छत्रपति शिवाजी हिंदुत्व के जगरनौट थे... इत्यादि|
आज से दो सौ साल पहले जब भारत अंग्रेजों के अधीन था तब ईसाई मिशनरियां हिंदुओं के धर्मपरिवर्तन में छल कपट, झूठ, प्रलोभन, भय, कोई कसर नहीं छोड़ रही थीं| हिंदुओं के सर्वाधिक श्रद्धा स्थलों में से एक पुरी स्थित मंदिर के वैभव, ऐश्वर्य और वार्षिक रथयात्रा के दौरान अपार भक्तों के उत्साह, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की लकड़ी की मूर्तियों को रथों पर रखते एवं ले जाते समय जीवंत होने जैसे उद्धरण देखकर, सुनकर ईसाई पादरियों को ईर्ष्या होती, उनके सीने पर सांप लोट जाया करते|
ईसाई धर्मगुरुओं ने धर्मपरिवर्तन के कुत्सित षड्यंत्र के अंतर्गत भारत में एक अभियान सा चला रखा था - हिंदू देवी देवताओं का अपमान करना, उनके पौराणिक स्वरूपों को अवास्तविक और भद्दा साबित करने की कोशिश करना, भोली भाली जनता को छद्म तरीके से बताना कि तुम्हारे देवी देवता, भगवान अवास्तविक हैं, जरुरत के समय तुम्हारी सहायता नहीं करते जबकि हमारे यशु मसीह सरीखे देवता उनसे न सिर्फ श्रेष्ठ हैं बल्कि तुम्हारी सहायता को भी तत्पर रहते हैं| हिंदू देवी देवताओं का उपहास उड़ाना जैसे एक फैशन बन गया था|
याद करें – जब वास्को-द-गामा भारत आया तो उसने पहले तो अपने जहाज के प्लेग वाले चूहों को बंदरगहों के निकट की बस्तियों में महामारी फैलाने के लिए छोड़ दिया और इसे हिंदू देवी देवताओं का प्रकोप बताकर अपने साथ लाई दवाई की गोलियां मरीजों को खिलाकर साबित करता था कि तुम्हें हमारे देवता यशु मसीह ने ठीक किया है| परिणाम – भोली भाली और सीधी साधी धर्मपरायण जनता का छला जाना, गोवा और केरल में भारी संख्या में धर्मपरिवर्तन होकर हिंदुओं को ईसाई बनाया जाना|
सन 1800 के आसपास ईसाई पादरी रेवरेंड बुचानन भारत में धर्मपरिवर्तन का सर्वेसर्वा था| उसे हिंदुओं और हिंदू देवी देवताओं से बेइंतहा घृणा थी| वह भारत के सभी हिंदुओं को किसी भी प्रकार से ईसाई बना देने का घोर पक्षधर था| भगवान जगन्नाथ के प्रति हिंदुओं की अगाध श्रद्धा और रथयात्रा के दौरान उत्साह को उसका कुटिल ईसाई मन पचा नहीं पा रहा था| बुचानन यूरोपीय और अमेरिकी पत्र-पत्रिकाओं में अपने लेखों के माध्यम से भगवान जगन्नाथ को JUGGERNAUT लिखते हुए भक्तों के उत्साह और समूह-नृत्यों को पैशाचिक कृत्य बताया करता| यहीं से इस अंग्रेज़ी शब्द की उत्पत्ति हुई| सन 1811 में उसने अपनी पुस्तक Christian Researches in Asia में तो सारी सीमाएं पार करते हुए जगरनौट अर्थात भगवान जगन्नाथ की तुलना बाइबिल में उद्धृत पौराणिक ग्रीक शैतान मोलक जैसा बताते हुए झूठ लिखा कि रथयात्रा के दौरान हज़ारों की संख्या में भक्तों के समूह अपने को रथों के पहियों के तले कुचलवाकर खून बहाते हैं तभी जगरनौट तृप्त होते हैं|
इस तरह पश्चिम देशों और अंग्रेज़ी भाषा में जगन्नाथ JUGGERNAUT के नाम से अकूत ताकतवर लेकिन क्रूर देवता के रूप में जाने जाने लगे और इस शब्द को इसी रूप में लोकप्रिय रूप से प्रयोग किया जाने लगा| कोई व्यक्ति हिंसक और ताकतवर होता तो उसे जगरनौट कहा जाता| कहते हैं – झूठ के पैर नहीं होते| फिर भला हमारे भगवान जगन्नाथ कैसे इस झूठ और षड्यंत्र के नाम से स्वयं को जुड़े रहने देते| एक तरफ तो सन 1878 में अमेरिकी पत्रिका हार्पर ने भगवान जगन्नाथ, पुरी, मंदिर इसकी भव्यता का सही वर्णन देते हुए अंग्रेज़ी में इस शब्द का अर्थ सुधारने की अपील की दूसरी ओर कुछ वर्षों बाद स्वामी विवेकानंद ने विदेशों के अपने व्याख्यानों में इस झूठ की पोल लगातार खोलने का काम किया| अमेरिकी जनता भारी संख्या में हिंदू धर्म की ओर बढ़ने लगी, लोग पुरी के भ्रमण पर आते, भगवान जगन्नाथ का सही स्वरुप दुनिया के सामने आने लगा|
आज भगवान जगन्नाथ के अंग्रेज़ी नाम जगरनौट का अभिप्राय सकारात्मक तरीके से सर्वशक्तिमान और अविजित, अपनी बात पर अटल रहने वाले स्वरुप में ही प्रयोग होता है, जो कि वे वास्तव में हैं| बोलो – जगन्नाथ भगवान की जय, बलभद्र महाराज की जय, सुभद्रा देवी की जय| लेखक - अतुल मालवीय
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ