छत्तीसगढ़ में भाजपा का चेहरा
(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार जब हिचकोले खा रही थी, तब कहा जा रहा था कि भाजपा के टारगेट में कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ भी हैं। महाराष्ट्र में जितने रहस्यमय तरीके से शिवसेना के विधायक सूरत और गुवाहाटी पहुंचे, उतने ही नाटकीय तरीके से वहां नये सीएम और डिप्टी सीएम बनाए गये हैं। इससे भाजपा के नेतृत्व की रणनीति पर विशेष रूप से चर्चा हो रही है। छत्तीसगढ़ में भी यह चर्चा होना स्वाभाविक है जहां अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। कांग्रेस के भूपेश बघेल और टी.एस. सिंह में तनातनी किसी से छिपी नहीं है, फिर भी वहां भाजपा सरकार गिराने के मूड में नहीं दिखती। इसके बजाय अगले चुनाव की रणनीति बन रही है। पिछले महीने (जून-2022) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लगा था। संघ ने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनाव की रणनीति भी समझायी। इसी बीच वहां भाजपा के मुख्यमंत्री पद के चेहरे की बात भी चली और पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह का नाम उनके समर्थकों ने उछाला। डा. रमन सिंह ने फौरन सफाई दी और कहा, भाजपा आगामी चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ेगी। इसी के साथ उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर पुख्ता तैयारी करने को कहा है।
यह भी माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता का वनवास झेल रही भाजपा एक बार फिर से संघ की शरण में जाएगी। दरअसल राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा उससे पहले अपने संगठन को धार देने में जुट गई है। खास बात ये है कि इसकी बागडोर संघ ने संभाली है और संघ की देखरेख में ही गत महीने प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ। छत्तीसगढ़ में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। चुनाव की तैयारियों के बीच छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा भी शुरू हो गई है कि 2023 में बीजेपी की तरफ से सीएम का चेहरा कौन होगा। बता दें कि 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान ये चर्चा थी कि संघ की बीजेपी संगठन पर तत्कालीन सत्ता हावी हो गई थी, जिसका पार्टी को खामियाजा भुगतना पड़ा और भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। हार और सत्ता से दूर रहने का असर पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल पर पड़ा है। यही वजह है कि पार्टी ने अभी से ही संगठन को धार देनी शुरू कर दी है। पार्टी प्रदेशभर में जिला संगठनों का प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रही है। इसी कड़ी में रायपुर शहर और रायपुर ग्रामीण के नेताओं का प्रशिक्षण शिविर 17 से 19 जून तक राजधानी के पास चंपारण में आयोजित हुआ। इस प्रशिक्षण शिविर में करीब 300 नेता कार्यकर्ता शामिल हुए। इस दौरान 3 दिन तक बीजेपी संगठन, रीति-नीति, इतिहास और वर्तमान परिपेक्ष्य की चुनौतियों के साथ कुल 15 बिंदुओं पर प्रशिक्षण दिया गया। शिविर की शुरुआत संघ के प्रांत संघचालक पूर्णेंदु सक्सेना के संबोधन से हुई। पूरी कवायद से ऐसा लग रहा था कि छत्तीसगढ़ बीजेपी में संघ का हस्तक्षेप बढ़ेगा। बीजेपी कार्यकर्ता 2023 के लिहाज से इसे जरूरी मान रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने संघ की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं।
छत्तीसगढ़ में 2023 में चुनाव की तैयारियों के बीच सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा भी शुरू हो गई है कि भाजपा की तरफ से सीएम का चेहरा कौन होगा। इस सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बड़ा बयान दिया। दरअसल, छत्तीसगढ़ बीजेपी में मंथन का दौर जारी है, प्रदेश के सह प्रभारी नितिन नवीन ने रायपुर में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान जब पत्रकारों ने उनसे छत्तीसगढ़ में भाजपा के चेहरे को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि बीजेपी में पीएम मोदी ही सबसे बड़ा चेहरा है और उन्हीं के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा। नितिन नवीन के इस बयान के बाद प्रदेश में कयासों का दौर शुरू हो गया है। बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक खत्म होने के बाद जब यही सवाल रमन सिंह से किया गया तो उन्होंने कहा कि आज तक हमने 3 चुनाव जीते हैं, लेकिन चेहरा बनाकर कभी चुनाव नहीं जीता है। आगामी चुनाव में भी नेतृत्व भाजपा का रहेगा और बड़ा चेहरा पीएम मोदी का है ही क्योंकि बीजेपी कभी चेहरा तय करके चुनाव नहीं लड़ती। चुनाव जीतने के एक घंटे के भीतर चेहरा तय करती है। नितिन नवीन से पहले बीजेपी की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी भी यही बयान दे चुकी थी, उन्होंने भी आगामी चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ने की बात कही थी।
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह कि बीजेपी बूथ में जाकर लोगों से बात करना और स्थानीय लोगों की परेशानी सुनने का काम कर रही है। कांग्रेस को मेरी चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसलिए कांग्रेस मेरी चिंता को छोड़कर अपनी चिंता करें। इसके बाद बीजेपी की बैठकों का सिलसिला जारी है। दुर्ग, बिलासपुर के बाद रायपुर प्रदेश मुख्यालय में भी बैठकें हुई। घंटो चली इन बैठकों में आगामी चुनाव के लिए रणनीति तैयार की गई है। बीजेपी कोर ग्रुप की भी बैठक में पार्टी की प्रदेश प्रभारी डी पुरनदेश्वरी और सह प्रभारी नितिन नबीन की अध्यक्षता में प्रदेश सरकार के खिलाफ जनता के बीच जाने की रणनीति बनाई गई। भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि डी पुरंदेश्वरी 2023 की तैयारियों के संदर्भ में लगातार प्रदेश के दौरे पर आ रही हैं। उनके दौरे से कांग्रेस को तकलीफ होती है। कांग्रेस सरकार ने 36 में से 1 वादें भी पूरे नहीं किए इसलिए वे दूसरे की घरों में झांकने की कोशिश करते हैं। कांग्रेसी अपनी उपलब्धियां गिना नहीं पा रहे हैं। इसलिए दूसरो के घरों में झांकते हैं। कांग्रेस को अपना गिरेबान झांके। पहले अपना घर देख ले, उसे बचा ले उसके बाद हम से सवाल करें। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के हालात देश में किसी से छुपे नहीं हैं। यहां पर ध्यान देने की बात है कि छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के साथ-साथ खेतों में काम करने वाले मजदूर और अन्य श्रमिकों को हर साल 7 हजार रुपये की राशि दे रही है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत यह राशि सरकार के द्वारा बांटी जा रही है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 3 फरवीर को 70 करोड़ 90 लाख 26 हजार रुपए की राशि 3 लाख 54 हजार 513 हितग्राहियों के खाते में जमा कराई थी। इसके साथ ही 31 मार्च 2022 को 71 करोड़ 08 लाख 04 हजार हजार रुपए की राशि 3 लाख 55 हजार 402 हितग्राहियों के खाते में जमा कराई है। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2022-23 के तहत 21 मई को 70 करोड़ 95 लाख 32 हजार रुपए की राशि 3 लाख 54 हजार 766 हितग्राहियों के खाते में सीधे डीबीटी से जमा कराई गई है। भाजपा को यहां सत्ता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।
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