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लो आया राखी का त्यौहार

लो आया राखी का त्यौहार 

लो आया राखी का त्यौहार,
बरसे भाई बहन का प्यार, 
कच्चे धागों में बसता है, 
सुहाने रिश्तो का संसार,
लो आया राखी का त्यौहार-2

माथे चंदन अक्षत रोली, 
बहना नेह भरी रंगोली, 
कलाई पर बांध रही है, 
बहना अपना प्यार,
लो आया राखी का त्यौहार-2

गंगाजल सा पावन नाता, 
सद्भावों के पुष्प खिलाता, 
जिसकी खुशबू से महके, 
मन का आंगन घर बार,
लो आया राखी का त्यौहार-2

सुख दुख हाल पूछे बहना, 
खूब कमाओ सुख में रहना, 
राखी के धागों में सिमटा, 
बहना पावन तेरा प्यार,
लो आया राखी का त्यौहार-2

रमाकांत सोनी नवलगढ़
जिला झुंझुनू राजस्थान

प्रस्तुत की गई रचना स्वरचित मौलिक है तथा अप्रकाशित है।
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