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फोन कॉल

फोन कॉल

जब बीवी मायके के लिए हुई रवाना,
पति की खुशी का ना रहा ठिकाना,
दोस्तों को फोन करके किया इनवाइट
आओ घर पर हमें महफिल है जमाना।

आ गए सभी दोस्त एक इशारे पर,
हाथ में शराब कोई नमकीन लेकर,
सोचा शराब की जमाएंगे महफिल
पूरी रात चलेगा पीना और पिलाना।

तभी फोन कॉल ने खत्म कर डाला,
हसीन अरमानों पर पानी फेर डाला,
आ रही हूं कल वापस पत्नी जब बोली
पति की मती को कंफ्यूज कर डाला ।

नशा उतर गया सभी का फौरन  सारा,
हर कोई हो गया वहाँ से नौ दो ग्यारह,
अच्छी खासी जमी महफिल उजड़ गई,
पति मन ही मन सोचता रह गया बेचारा !
सुमित मानधना 'गौरव', सूरत
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