श्रीलंका में सर्वदलीय सरकार बनाने की कवायद
कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने विपक्षी दलों के साथ बातचीत शुरू की है ताकि उन्हें अपनी अगुवाई वाली सर्वदलीय सरकार में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा सके। विक्रमसिंघे का यह कदम प्रशासन में विश्वास सुनिश्चित कर दिवालिया हो चुके देश को बदतर आर्थिक संकट से निकलने की कोशिशों का हिस्सा है। मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई।
डेली मिरर अखबार ने सूत्रों के हवाले से कहा कि एक हफ्ते में बातचीत पूरी होने की उम्मीद है। विक्रमसिंघे ने पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) के साथ बातचीत की। हालांकि, अखबार ने बताया कि मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेगया (एसजेबी) पार्टी सरकार में शामिल नहीं होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके बजाय इसके कुछ सांसद व्यक्तिगत रूप से सत्तारूढ़ दल में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं। इस बीच, सांसद विमल वीरावांसा के नेतृत्व में नेशनल फ्रीडम फ्रंट (एनएफएफ) ने विक्रमसिंघे को समर्थन देने का वादा किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने गर्त से देश को निकालने के लिए वास्तविक कदम उठाए हैं, इसलिए उनकी पार्टी पिछले राजनीतिक मतभेदों या शत्रुता की परवाह किए बिना इस कवायद में मार्गदर्शन के लिए तैयार है।
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