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न्यू यूपी का न्यू बुंदेलखंड

न्यू यूपी का न्यू बुंदेलखंड

(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
कुछ वर्ष पहले तक बुंदेलखंड बदहाल व्यवस्था के लिए चर्चित रहता था। यहां मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव रहता था। योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद बुंदेलखंड को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने का संकल्प लिया था। उनका संकल्प फलीभूत हो रहा है। पहले बुंदेलखंड में पानी का घोर अभाव रहता था। अब हर घर नल से जल उपलब्ध हो रहा है। बुंदेलखंड एक्स्प्रेस वे से यहां विकास का नया अध्याय शुरू होगा। इसके निर्माण से इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण परिवर्तन आएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास किया था। उन्हीं ने इसका लोकार्पण किया। कुछ वर्ष पहले तक उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे के मामले में पीछे था जबकि विकास को गति देने और यात्रा को सुगम बनाने के लिए इनकी आवश्यकता समझी गई थी। केवल यात्रा के समय को घटाने हेतु एक्सप्रेस वे का निर्माण उचित नहीं कहा जा सकता। इसे इसके साथ औद्योगिक बेल्ट का निर्माण होना चाहिए। सुरक्षा के समुचित तकनीकी प्रबंध भी अपरिहार्य होते है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस तथ्य को ध्यान में रखा। इसी के अनुरूप उसने एक्सप्रेस वे के निर्माण को आगे बढाने का निर्णय लिया था। सरकार ने डिफेंस कॉरिडोर के निकट उद्योगों की स्थापना हेतु भूमि बैंक बनाये हैं। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे से यहां के किसानों की आय दोगुनी करने में सहायता मिलेगी। अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय परिवर्तन आएगा। इसके निर्माण से डिफेंस काॅरिडोर को भी गति मिलेगी। डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर से उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। यह एक्सप्रेस वे चित्रकूट के भरतकूप स्थित गोंडा गांव से प्रारम्भ होकर बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया होते हुए इटावा में आगरा एक्सप्रेस वे से जुड़ जाएगा एक्सप्रेस वे फोरलेन का है, जिसे भविष्य में सिक्स लेन का किया जा सकेगा।

एक्सप्रेस वे में चार रेलवे ओवर ब्रिज, चैदह दीर्घ सेतु, छह टोल प्लाजा सात रैम्प प्लाजा, दो सौ अड़सठ लघु सेतु अठारह फ्लाई ओवर तथा दो सौ चैदह अण्डरपास का निर्माण किया गया है। इसकी संरचनाएं सिक्स लेन चैड़ाई की बनायी जाएंगी। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण से बुन्देलखण्ड क्षेत्र आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे एवं यमुना एक्सप्रेस वे के माध्यम से त्वरित एवं सुगम यातायात के काॅरिडोर से जुड़ जाएगा। बुन्देलखण्ड क्षेत्र को विशेष लाभ होगा। यहां के सामाजिक आर्थिक कृषि,वाणिज्य, पर्यटन व उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। नरेन्द्र मोदी ने जालौन की उरई तहसील के कैथेरी गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। सरकार देश भर में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। जिसकी एक प्रमुख विशेषता सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार की दिशा में काम करना है। एक्सप्रेस-वे के बगल में बांदा और जालौन जिलों में औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम चल रहा है। दशकों तक यहां के किसान पानी के अभाव में पलायन को विवश रहे है। अपने मवेशियों को। लावारिस छोड़ दिया था। इसके अलावा इनके पास कोई विकल्प नहीं था। अन्ना समस्या भी यहां की परेशानी रही है। विगत करीब पांच वर्षों में बुंदेलखंड के विकास की अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित हुआ। सिंचाई व हर घर नल से जल योजना को अभियान के रूप में संचालित किया गया। कुछ महिने पहले नरेन्द्र मोदी ने महोबा में तीन हजार दो सौ चैसठ करोड़ रुपये से अधिक लागत की नौ विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया था। अर्जुन सहायक परियोजना सहायक सिंचाई परियोजनाओं में भवानी बांध परियोजना, रतौली बांध परियोजना एवं मसगांव-चिल्ली स्पिंरकलर सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया था। महोबा में मार्ग सुदृढ़ीकरण, विकासखण्ड कबरई में पेयजल परियोजना, कीरत सागर एवं मदन सागर में पर्यटन विकास की परियोजना का लोकार्पण हुआ था। सिंचाई परियोजनाओं से महोबा, बांदा, हमीरपुर एवं ललितपुर जनपदों में सिंचाई की बेहतर सुविधाएं सुलभ हुई हैं। इससे यहां के फसल चक्र में व्यापक परिवर्तन आएगा। यहां के कृषक अब ज्वार, बाजरा बोने अथवा खेत खाली छोड़ने के स्थान पर धान, गन्ना, मूंगफली, सरसों, गेहूं आदि की खेती आसानी से कर सकेंगे। इस प्रकार वे अपनी फसल से कहीं ज्यादा पैदावार एवं कहीं ज्यादा उसका मूल्य प्राप्त कर सकेंगे।

इसी क्रम में डिफेंस कारिडोर के झांसी नोड में पहले प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया गया था। भारत डायनामिक्स लिमिटेड की इकाई का शिलान्यास हुआ था। बुंदेलखंड को अरबों रुपये की सौगात मिली थी। उत्तर प्रदेश में जल्द ही दुनिया भर के कई अन्य देशों से बेहतर राजमार्ग संपर्क होगा। यूपी तेरह एक्सप्रेस वे वाला देश का पहला राज्य बनेगा। इनमें छह एक्स्प्रेस वे उपयोग में हैं जबकि अन्य सात निर्माणाधीन हैं। डबल इंजन की भाजपा सरकार ने सड़कों के कायाकल्प को लेकर व्यापक स्तर पर कार्य किया है। गांव, ब्लॉक जिला मुख्यालय, दूसरे राज्यों और दूसरे देशों को जोड़ने वाले सड़कों का संजाल निर्मित किया गया है। सत्तर साल में केवल डेढ़ एक्सप्रेस-वे बने थे। एनसीआर और पश्चिमी यूपी के लोगों की दशकों पुरानी मांग को सरकार ने पूरा किया है।

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे इसका उदाहरण है। गंगा एक्सप्रेस वे का कार्य प्रगति पर है। हाईवेज और एक्सप्रेसवेज के किनारे औद्योगिक गलियारे भी बनाए जा रहे हैं। ये गलियारे तीव्र संतुलित और समावेशी विकास के साथ-साथ रोजगार की अपार संभावनाओं को गति देंगे। इसके लिए जमीनें चिह्नित की गई हैं। आपातकाल में वायु सेना के विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए हवाई पट्टियां भी बनाई जा रही हैं। करीब सात हजार करोड़ से अधिक के निवेश से बंजर बुंदेलखंड अब उद्योग का केन्द्र बन रहा है। पचास निवेश प्रस्तावों में ढाई सौ करोड़ की लागत से पच्चीस से अधिक इकाइयों ने उत्पादन भी शुरू कर दिया है। सरकार ने एक्सप्रेस-वे के निर्माण से लेकर निवेशकों को निवेश पर विशेष छूट देना भी शुरू किया। इसके अलावा इस क्षेत्र में डिफेंस कारिडोर टाइगर रिजर्व, हर घर जल जैसी कई योजनाएं शुरू की गईं। तीस सौ करोड़ रुपए की शेष परियोजनाओं में भी जल्द कार्य शुरू होने वाला है। बुंदेलखंड के जालौन, झांसी, ललितपुर, बांदा और महोबा में निवेश आए हैं। निवेश प्रस्तावों पर सरकार की ओर से तत्परता से निर्णय लिए जा रहे हैं। डिफेंस कॉरिडोर के छह नोड्स में से झांसी और चित्रकूट बुंदेलखंड में हैं। बाकी नोड कानपुर, लखनऊ, आगरा और अलीगढ़ हैं। पांच नोड में करीब सोलह सौ हेक्टेयर भूमि खरीदी भी जा चुकी है। अब तक यूपीडा की ओर से करीब नब्बे औद्योगिक और संस्थागत एमओयू भी साइन किए गए हैं। इनके द्वारा ग्यारह हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश प्रस्तावित है। निजी कंपनियों के अलावा एचएएल और बीडीएल जैसे डीपीएसयू ने भी कॉरिडोर में निवेश की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का लोकार्पण किया

जालौन (यूपी)। उन्होंने कहा बुंदेलखंड आने के रास्ते में मैंने देखा कि रास्ते में कई पुराने किले नजर आए। मेरा योगी जी से आग्रह है कि एक शानदार टूरिज्म सर्किट बनाएं। दुनिया के लोग बुंदेलखंड के वीरभूमि को देखें। मैं तो योगी जी कहूंगा कि जबठंढ का मौसम शुरू हो जाए तो किले पर चढ़ने की प्रतिस्पर्धा का आयोजन कीजिए। आप देखिएगा हजारों लोग बुंदेलखंड से जुड़ जाएंगे। मोदी ने कहा एक एक्सप्रेसवे कितने अवसर प्रदान करता है। यूपी जिस तरह से आधुनिक हो रहा है वह वाकई अभूतपूर्व है। यूपी में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कानून-व्यवस्था भी सुधरी है और कनेक्टिविटी भी सुधर रही है। आजादी के बाद यातायात के आधुनिक साधनों के लिए इससे पहले जितना काम हुआ उससे ज्यादा काम आज हो रहा है। दिल्ली से चित्रकूट की दूरी तीन से चार घंटे कम हुई है। यह एक्सप्रेस-वे वाहनों को ही नहीं गति देगा बल्कि बुंदेलखंड की औद्योगिक गति को भी गति देने वाला है। एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ उद्योग-धंधे विकसित होंगे। पीएम मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करते हुए कहा- आधुनिक बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए बुंदेलखंड के लोगों को शुभकामनाएं। यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड की गौरवलशाली परंपरा को समर्पित है। इस धरती पर अनेक शूरवीर पैदा हुए। बुंदेलखंड के बेटे-बेटियों के पराक्रम और परिश्रम ने देश का नाम रोशन किया है। उस बुंदेलखंड की धरती को एक्सप्रेस वे का उपहार देते हुए विशेष खुशी मिल रही है। इससे पूर्व सीएम योगी ने जालौन में सभा को संबोधित करते हुए कहा- आज 296 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन होने जा रहा है, बुंदेलखंडवासियों को मैं हृदय से बधाई देता हूं। यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड और यूपी की अर्थव्यवस्था को नया आयाम प्रदान करेगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का प्रधानमंत्री मोदी ने 29 फरवरी, 2020 को शिलान्यास किया था। इस एक्सप्रेसवे का काम 28 महीने के भीतर पूरा कर लिया गया है। इस एक्सप्रेसवे से अब चित्रकूट से दिल्ली की दूरी महज 6 से 7 घंटे की रह जाएगी। यह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, इटावा होते हुए आगरा और लखनऊ को जोड़ेगा। एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के तत्वावधान में लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और आगे चलकर इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है। यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है। यह एक्सप्रेसवे सात जिलों यानी चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के ढेरों अवसर सृजित होंगे। बांदा और जालौन जिलों में इस एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है।
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