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मोबाइल का दुरुपयोग

मोबाइल का दुरुपयोग

(मोहिता स्वामी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

  • बेटे ने मोबाइल पर खेला गेम।
  • पिता के खाते से निकल गये 39 लाख रुपये।

‘विधि प्रपंच गुन-अवगुन साना...’ अर्थात जहां अच्छाइयां हैं, वहां कुछ न कुछ बुराइयां भी होंगी। संचार के क्षेत्र में मोबाइल को लेकर भी यही कहा जा सकता है। अभी हाल ही खबर पढ़ी कि एक बच्चे ने मोबाइल पर गेम खेला। इसके कारण उसके पिता के खाते से 39 लाख रुपये कट गये। सिंगापुर जैसे देशों में इस तरह की ठग कम्पनियां हैं जो आनलाइन गेम खिलाती हैं। माता-पिता भी पहले शौक में बच्चों को मोबाइल खेलने के लिए देते हैं लेकिन बाद में बच्चे इसके आदी बन जाते हैं। कोरोनाकाल में आनलाइन पढ़ाई ने बच्चों को आनलाइन पढ़ने की दक्षता ही नहीं दी बल्कि आनलाइन बहुत कुछ करने की राह दिखा दी है। बच्चों के लिए मोबाइल लाभकारी की जगह हानिकारक ज्यादा हो गया है। कुछ बच्चों ने तो इसके चलते अपराध तक किये हैं। इस बीमारी को कैसे समाप्त किया जाए, यह गंभीर समस्या बन गयी है। सबसे पहले तो हमें बच्चों को ही इसके लिए समझाना होगा। संभव हो तो आनलाइन गेम खिलाने वाली कंपनियों पर भी रोक लगायी जाए।
अब एक नजर इस खबर पर। आगरा में एक बेटा अपने पिता के मोबाइल में गेम खेल रहा था, जिस कारण पिता के खाते से 39 लाख रुपये कट गए। पिता को जब इसकी जानकारी हुई तो उनके होश उड़ गए और उन्होंने इसकी शिकायत साइबर साइबर रेंज में की। पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। दरअसल आगरा के खंदोली क्षेत्र के रहने वाले सेवानिवृत फौजी ने एक महीने पहले साइबर रेंज में एक प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके खाते से फ्रॉड करके 39 लाख रुपये निकाल लिये गए हैं। इतनी मोटी रकम कैसे निकली इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने इसे लेकर बैंक से भी संपर्क किया, जहां से पता चला कि पहले रकम पेटीएम से कोड़ा पेमेंट में गई, उसके बाद सिंगापुर के बैंक खाते में रकम ट्रांसफर की गई है। रकम सिंगापुर के जिस बैंक खाते में ट्रांसफर की गई है, वह खाता क्रॉफ्टन कंपनी का है। यह वही कंपनी है जो कि बैटल ग्राउंड्स मोबाइल इंडिया के नाम से ऑनलाइन गेम खिलाती है, जो कि भारत में भी काफी प्रचलित हुआ था। इस संबंध में कंपनी के खिलाफ आईटी एक्ट और धोखाधड़ी में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आगरा शहर में बैंक खाते से रकम का अपने आप ट्रांसफर हो जाने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई मामले प्रकाश में आए हैं, जिसमें मोबाइल पर गेम खेलते समय बैंक खाते से मोटी रकम कट गई। बीते दिनों हरिपरवात क्षेत्र के एक व्यापारी के खाते से भी 30 लाख रुपये कट गए थे। उनका बेटा अपने पिता के मोबाइल में गेम खेलता था। इसके अलावा कई अन्य व्यापारियों के खाते से भी रकम कट गई है, जिसके संबंध में व्यापारियों ने पुलिस से शिकायत की थी, जिसमें जांच चल रही है। इन मामलों को लेकर एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि बच्चों को नहीं पता रहता है कि ऑनलाइन गेम के साथ ही आज कल ऑनलाइन पेमेंट का ट्रांसजैक्शन बहुत आसान हो गया है। कई बार गेम में सुविधाएं बढ़ाने के लिए रुपयों की मांग भी की जाती है। जब बच्चे गेम में सुविधाएं बढ़ाने के लिए ओके करते हैं तो,अपने आप ही रकम कटने लगती है। यही कारण है कि खाते से बड़ी मात्रा में रकम कट जाती है।

इससू पूर्व टेलीकॉम ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (टप) ने भारत में गेमिंग के प्रति उत्साही लोगों के लिए घरेलू गेमिंग और स्पोर्ट्स मीडिया कंपनी नजारा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के साथ साझेदारी में टप ऐप पर ‘टप गेम्स’ लॉन्च करने की घोषणा की थी। इस करार के तहत वोडाफोन आइडिया अपने सब्सक्राइबर के लिए गेमिंग सेवाएं शुरु करेगी। टप गेम्स के नाम से शुरु होने वाली इस गेमिंग सर्विस के तहत 1400 से ज्यादा एंड्रॉयड और एचटीएमएल5 आधारित मोबाइल गेम उपलब्ध होंगे। इसमें फ्री और पेड दोनों तरह के मोबाइल गेम होंगे। कंपनी ने कहा था कि उसकी गेम ऑफरिंग में शुरुआत में कैजुअल गेम ही होंगे। धीरे-धीरे इनका विस्तार होगा और फिर इसमें सोशल गेम और ई-स्पोर्ट्स गेम भी शामिल होंगे। इस बारे में हुई एक प्रेस ब्रीफ्रिंग में वोडाफोन आइडिया के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर अवनीश खोसला ने कहा कि ये सेवा शुरुआत में सिर्फ टप के प्रीपेड और पोस्टपेड सब्सक्राइबरों के लिए होगी। बाद में इस सेवा को दूसरे सब्सक्राइबर के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि इस बारे में उन्होंने और जानकारी नहीं दी। ये सेवा टप फ्लैगशिप ऐप के जरिए 2 अलग-अलग प्लान के तहत मिलेगी। गोल्ड पास पोस्टपेड के लिए 50 रुपये मंथली फीस और प्रीपेड के लिए 56 रुपये मंथली फीस पर उपलब्ध होगी। इसके तहत 30 प्रीमियम गेम मिलेंगे। यह भी कहा गया था ऐसे पोस्डपेड यूजर जो 499 रुपये या उसके ऊपर का प्लान लेंगे, उन्हें हर महीने 5 फ्री गोल्ड गेम मिलेंगे। वहीं प्लेटिनम पास प्लान प्रति डाउनलोड भुगतान के आधार पर काम करेगा, जिसके तहत सब्सक्राइबर कोई एक एक्सक्लूसिव और सुपर प्रीमियम गेम 25 रुपये (पोस्ट पेड ) 26 रुपये में डाउनलोड कर सकेगा। टप ने ये भी बताया है कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर 250 से ज्यादा एड -सपोर्टेड फ्री गेम भी उपलब्ध कराएगी। ये ऐलान उस समय हुआ था जब भारत में कोरोना महामारी के चलते लोगों के घरों में बंद रहने के दौरान मोबाइल गेमिंग कारोबार में जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली है।

सच यह है कि मोबाइल गेम का एडिक्शन ही इतना खतरनाक होता है कि इसे खेलने वाले लत में कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। ये गेम्स टीनेजर्स के दिमाग को कैप्चर कर लेते हैं और इसकी लत में वे अपना अच्छा-बुरा भी भूल जाते हैं। थाइलैंड के एक लड़के के साथ भी ऐसा ही हुआ। 18 साल का लड़का गेम के चक्कर में रात-रात भर जागता रहता था। उसके माता-पिता को भी लड़के की इस आदत के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था, हालांकि वे ये जरूर जानते थे कि बेटे को ऑनलाइन गेम का खासा शौक है। वो अपने कमरे के अंदर गेम खेलता रहता था। लड़के के माता-पिता को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनका बेटा रात में जागकर गेम खेलता है। लड़के की मां का कहना है कि उन्हें अपने बेटे के गेम एडिक्शन को लेकर कभी चिंता नहीं होती थी। हालांकि उनका बेटा ज्यादातर वक्त मोबाइल फोन में गेम खेलता रहता था। कभी कम्प्यूटर तो कभी मोबाइल पर उसके गेम्स चलते रहते थे।
इसी बीच एक दिन लड़के ने रात में अपना फोन भी नहीं उठाया, न ही उसके कमरे का दरवाजा खुल रहा था। जब पड़ोसियों की मदद से दरवाजा खोला गया तो वो बिना शर्ट बेसुध पड़ा हुआ था। उसके पास ही उसका मोबाइल भी पड़ा था। पुलिस का कहना है कि चूंकि लड़का ज्यादा सोता नहीं था और उसके शरीर को रेस्ट नहीं मिल रहा था। ऐसे में संभव है कि उसकी मौत नींद की कमी से दिल का दौरे पड़ने के चलते हुई। इससे पहले भी थाइलैंड में दो साल पहले एक लड़के की मौत गेम एडिक्शन से हो चुकी थी। हमारे आसपास भी ऐसे दृश्य दिखाई पड़ते हैं जब टीन एजर मोबाइल पर गेम खेलते रहते हैं।
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