राज्यसभा हुई सार्थक
(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
भारतीय संसद के उच्च सदन में विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाशाली हस्तियों का जब मनोनयन होता है, तब राज्यसभा सचमुच सार्थक होती है। संविधान निर्माताओं की यही इच्छा भी थी। इसलिए देश को ओलंपिक में एक साथ चार-चार स्वर्ण पदक दिलाने वाली पीटी उषा समेत चार ऐसे महान लोगों को राज्यसभा में भेजा गया है जो देश के लिए सचमुच गौरव हैं। ये चारों लोग दक्षिण भारत से हैं, इसलिए राजनीति के पंडित इसे भाजपा का दक्षिण भारत मिशन भी कह सकते हैं। किसी भी राजनीतिक पार्टी को अपना जनाधार बढ़ाने का अधिकार है, इसलिए भाजपा की यह आकांक्षा भी अनुचित नहीं कही जा सकती लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि ये चारों व्यक्तित्व राज्यसभा में सुशोभित होने की भरपूर योग्यता रखते हैं। भारतीय संसद में दो सदन हैं- एक लोकसभा और दूसरा राज्य सभा। राज्य सभा संसद का उच्च सदन कहा जाता है। संविधान के अनुच्छेद 80 के मुताबिक राज्य सभा में ज्यादा से ज्यादा 250 सदस्य हो सकते हैं। इनमें 12 सदस्य राष्ट्रपति स्वयं मनोनीत या नामित करते हैं। इसके अतिरिक्त 238 सदस्य संघ और राज्य के प्रतिनिधि चुनते हैं। इनमें से कितने ही सदस्य तो ऐसे होते हैं जिनको लोकसभा के चुनाव में जनता ठुकरा चुकी होती है अथवा जो जनता का सामना करने से कतराते हैं। इसके साथ ही केन्द्र सरकार की इच्छा के अनुरूप राष्ट्रपति भी मनोनयन करते हंै। इसलिए मनोनयन में भी कभी-कभी ऐसे लोग राज्य सभा में भेज दिये जाते हैं जो संविधान निर्माताओं की भावना पर खरे नहीं उतरते। इस बार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जिन चार महान विभूतियों का राज्य सभा के लिए मनोनयन किया है, वे सर्वथा योग्य हैं। पीटी उषा, विजयेन्द्र प्रसाद वीरेन्द्र हेगड़े और संगीतकार इलैयाराजा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं।
बाहुबली और बजरंगी भाईजान जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के राइटर केवी विजयेंद्र प्रसाद को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। विजयेंद्र के साथ महान संगीतकार इलैयाराजा को भी संसद के उच्च सदन के लिए मनोनीत किया गया है। इसके अलावा दिग्गज एथलीट पी.टी.उषा और साथ ही समाजसेवी और धर्मस्थल मंदिर के प्रशासक वीरेंद्र हेगड़े को भी राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर इन सभी हस्तियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘इलैयाराजा की रचनात्मक प्रतिभा ने पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों को मंत्रमुग्ध किया है। उनका कार्य भावनाओं को खूबसूरती से दर्शाता है। उनकी जीवन यात्रा भी उतनी ही प्रेरक है, वह सामान्य पृष्ठभूमि से आये और बहुत कुछ हासिल किया। खुशी है कि उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा श्री वी. विजयेंद्र प्रसाद गारू दशकों से रचनात्मक दुनिया से जुड़े हुए हैं। उनकी रचनाएं भारत की गौरवशाली संस्कृति को प्रदर्शित करती हैं और विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं। उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर बधाई। आंध्र प्रदेश के कोव्वूर में जन्मे केवी विजयेंद्र प्रसाद देश के प्रमुख स्क्रीन राइटर्स और फिल्म डायरेक्टर्स में से एक हैं। उन्होंने कई प्रमुख तेलुगु और हिंदी फिल्मों के लिए कहानियां लिखी हैं।
पीटी उषा ने 1984 ओलंपिक खेलों में चैथा स्थान हासिल किया था। इसके बाद से वो पूरे देश में लोकप्रिय हो गईं। 1986 के सिओल एशियाई खेलों में उन्होंने चार गोल्ड मेडल जीते थे। 400 मीटर की बाधा दौड़, 400 मीटर की रेस, 200 मीटर और 4 गुणा 400 की रेस में उषा ने स्वर्ण पदक जीते। 100 मीटर की रेस में वो दूसरे नंबर पर रहीं। 1983 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड दिया गया था। 1985 में उन्हें देश के चैथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया। वी. विजयेंद्र प्रसाद गारू दशकों से रचनात्मक दुनिया से जुड़े हुए हैं। उनकी रचनाएं भारत की गौरवशाली संस्कृति को प्रदर्शित करती हैं और विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं। विजयेंद्र प्रसाद गारू ने बाहुबलि, आरआरआर, बजरंगी भाईजान, राउडी राठौड़, मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ झांसी और मार्शल जैसी फिल्मों की कहानी लिखी है। 2016 में बजरंगी भाईजान के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था। इसके अलावा उन्होंने अर्धांगिनी, रांझणा और श्रीवल्ली जैसी फिल्मों का निर्देशन भी किया है। राज्यसभा के मनोनीत तीसरे सदस्य वीरेंद्र हेगड़े उत्कृष्ट सामुदायिक सेवा में सबसे आगे हैं। वीरेंद्र हेगड़े धर्माधिकारी रत्नवर्मा हेगड़े के सबसे बड़े बेटे हैं। वे कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित श्री धर्मस्थल मंजुनाथ स्वामी मंदिर के अनुवांशिक ट्रस्टी हैं। जैन समुदाय से होने के बावजूद वीरेंद्र हेगड़े का परिवार कई हिंदू समुदाय के मंदिरों का बी ट्रस्टी है। वीरेंद्र हेगड़े दिगंबर जैन समुदाय से आते हैं। उनके तीन छोटे भाई- हर्षेंद्र, सुरेंद्र और राजेंद्र हैं। इसके अलावा उनकी एक बहन पद्मलता भी हैं। वीरेंद्र हेगड़े की पत्नी पद्मवती हेगड़े हैं। उनकी एक बेटी है, जिसका नाम श्रद्धा है।
वीरेंद्र हेगड़े को जैन समुदाय की करीब छह सौ साल पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इतना ही नहीं कला और संस्कृति के प्रचार में भी उनका अहम योगदान रहा है। नैचुरोपैथी, योगा और नैतिक शिक्षा के प्रसार के लिए धर्मस्थल से जुड़े 400 हाईस्कूल और प्राइमरी टीचर हर साल इन विषयों में 30,000 छात्रों को शिक्षा देते हैं।प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में लिखा- इलैया राजा जी ने पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों को मंत्रमुग्ध किया है। उनकी रचनाएं अनेक भावनाओं को खूबसूरती से दर्शाती हैं। उनकी जीवन यात्रा भी ही प्रेरक है- वह एक विनम्र पृष्ठभूमि से उठे और बहुत कुछ हासिल किया। इसी प्रकार इलैया राजा तमिल फिल्मों के मशहूर संगीतकार हैं। उन्होंने अब तक 1400 फिल्मों के सात हजार गाने संगीतबद्ध किए हैं। तमिल के साथ-साथ तेलुगु फिल्मों में भी उन्होंने संगीत दिया है। इलैया राजा को पश्चिमी संगीत को दक्षिण भारतीय सिनेमा में मशहूर करने के लिए जाना जाता है। उन्होंने अबतक 20 हजार से ज्यादा लाइव कंसर्ट भी किए हैं। उन्हें भारतीय संगीत के सबसे महान संगीतकारों में से एक माना जाता है। इलैया राजा को पांच नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिल चुके हैं, इनमें से तीन बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन के लिए मिले वहीं दो नेशनल अवॉर्ड उन्हें बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर के लिए मिले। 2010 में उन्हें पद्मभूषण और 2018 में पद्म विभूषण सम्मान से भी नवाजा गया। ऐसी विभूतियां संसद के उच्च सदन में भेजी गयी हैं, यह देखकर हमारे लोकतंत्र को आत्म गौरव की अनुभूति हो रही होगी।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com