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संजय राउत की मुश्किलें और बढ़ी

संजय राउत की मुश्किलें और बढ़ी

मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राउत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राउत शिवसेना के मुखपत्र सामनाके कार्यकारी संपादक हैं. लिहाजा रविवार को हमेशा की तरह उनका अखबार में साप्ताहिक कॉलम छपा। ऐसे में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों का कहना है कि उनसे इस बात को लेकर पूछताछ की जाएगी कि क्या उन्होंने जेल से ये कॉलम लिखा? बता दें कि कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच को लेकर राउत इन दिनों ईडी की हिरासत में हैं। उनकी हिरासत की अवधि भी बढ़ा दी गयी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईडी के अधिकारियों का कहना है कि संजय राउत जेल में रहते हुए कॉलम नहीं लिख सकते हैं. इसके लिए उन्हें कोर्ट से इजाजत लेनी होगी। ईडी के सूत्रों के मुताबिक उन्हें ऐसा कोई परमिशन नहीं मिला है. बता दें कि ईडी ने पिछले दिनों अदालत के समक्ष दावा किया कि राज्यसभा सदस्य राउत को अपराध से आयके रूप में कथित 1.17 करोड़ रुपये मिलने का पता चला है और यह पूर्व में सामने आए 1.06 करोड़ रुपये से अलग है. राउत ने सामना के संपादकीय में महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधा. दरअसल कोश्यारी ने अपने एक भाषण में कहा था कि अगर गुजराती और मारवाड़ी लोग मुंबई में हैं इसलिए मुंबई को आर्थिक राजधानी का दर्जा प्राप्त है. गुजराती-मारवाड़ी लोगों को बाहर निकाला गया तो मुंबई में पैसा नहीं बचेगा. बाद में उन्होंने इसके लिए माफी मांग ली थी. राउत ने लिखा, ‘राज्यपाल का ये बयान बिना उद्देश्य के कैसे हो सकता है? मुंबई के गुजराती-मारवाड़ी समाज के लोगों को भी श्री कोश्यारी का ये बयान पसंद नहीं आया और उन्होंने राज्यपाल के भाषण की निंदा की।

पिछले हफ्ते राउत को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मामलों के लिए विशेष न्यायाधीश एम. जी. देशपांडे के समक्ष पेश किया था। ईडी की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक हितेन वेनेगावकर ने हिरासत की अवधि आठ दिनों के लिए बढ़ाने का अनुरोध यह कहते हुए किया कि धन के लेन-देन से जुड़ी एक नई जानकारी सामने आई है.जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेज के अनुसार, राउत द्वारा अलीबाग में संपत्तियों की खरीद में पर्याप्त नकद लेनदेन हुआ था।
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