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धार्मिक स्थलों में राष्ट्रीयता की उपासना

धार्मिक स्थलों में राष्ट्रीयता की उपासना

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
देश में आजादी की 75 वीं वर्षगाँठ बहुत ही उत्साह के साथ मनायी गयी। इस तरह का उत्साह होना भी चाहिए। अब भी कुछ लोग उस पीढी के जीवित है जिन्होंने ब्रिटिश दासता के अत्याचारों को देखा और सहा भी है इसके साथ ही ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है जो उस समय के इतिहास को पढकर आज भी तिलमिला जाते हैं। आजादी की यह वर्षगाँठ अमृत महोत्सव के रूप में मनायी जा रही है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने तैयारी भी पहले से कर रखी थी। हर घर पर तिरंगा फहराया गया। धार्मिकस्थलों पर भी तिरंगा लगाया गया। यह देखकर और ज्यादा खुशी हुई क्योंकि लगभग दो महीने पहले की ही बात है जब भाजपा की एक महिला प्रवक्ता ने मोहम्मद साहब के बारे में आपत्ति जनक टिप्पणी कर दी। विदेशों में भी इसका विरोध हुआ। वोट की राजनीति ने आग में घी का काम किया। समस्या तब ज्यादा गंभीर हो गयी जब जुमे की नमाज के बाद मस्जिद से निकले लोगों ने उसी मामले को लेकर पथराव और आगजनी शुरू कर दी। इस उपद्रव पर नियंत्रण पा लिया गया क्योंकि मुस्लिम धर्मगुरुओ ने भी अपने स्तर से लोगों को समझाया था। फिर भी यह सवाल उठा था कि क्या धार्मिक स्थलों में लोगों को राष्ट्रीयता का पाठ पढाने की जरूरत है। अमृत महोत्सव में धार्मिक स्थलों पर राष्ट्रीयध्वज को लगाने से वहां राष्ट्र की उपासना की प्रेरणा भी मिलेगी। अयोध्या में तो सभी मंदिरों को इस बार तिरंगे से सजाया गया।

उत्तर भारत में वैष्णव माता मंदिर को छोड़ अब तक कोई ऐसा मंदिर नहीं था जहाँ तिरुपति बाला जी और सबरीमाला जैसी श्रद्धालुओं की भीड उमडती हो। काशी में बाबा विश्वनाथ द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक है लेकिन श्रद्धालुओं की उतनी भीड़ नहीं उमड़ती थी। इसका एक कारण मंदिर का संकरी गली में होना था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छा देख कर योगी सरकार ने वहाँ भव्य कॉरिडोर बनवाया तबसे श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का निर्माणाधीन मंदिर तो विश्वस्तरीय होगा।वहां अभी से श्रद्धालुओं का ताता लगा रहता है। इसीलिए योगी आदित्य नाथ सरकार ने अयोध्या में बन रहे भव्य दिव्य कॉरिडोर के लिए 700 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव रखा है। कॉरिडोर की इस परियोजना से अयोध्या के विकास के साथ साथ यहां टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। अयोध्या कॉरिडोर के निर्माण से यहां आने वाले पर्यटकों को और सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी। इस परियोजना के अंतर्गत सड़क चैड़ीकरण, मार्ग का सौंदर्यीकरण, बिजली-पानी की समुचित व्यवस्था आदि योजनाएं शामिल की गई हैं। राजधानी लखनऊ के लोकभवन में लगभग एक सप्ताह पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई थी। इस दौरान 13 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इसके तहत 11 नगर पंचायत और नगर पालिका परिषद का सीमा विस्तार संबंधी नगर विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। वहीं, अयोध्या राम मंदिर के आसपास सड़क मार्ग का निर्माण व सौंदर्यीकरण होगा। राममंदिर के मुख्यमार्ग पर सारी नगरीय सुविधाओं के साथ मॉडल सिटी के तौर विकसित होगा। सबसे अहम और जरूरी निर्णय ये रहा कि अयोध्या का विकास काशी विश्वनाथ कॉरीडोर की तर्ज पर किया जाएगा। नव सृजित नगर निकायों के विकास के लिए मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना शुरू होगी। अयोध्या में शराब की दुकानें दो महीने पहले ही बंद करा दी गयी हैं।

राम नगरी अयोध्या को लेकर योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया । श्रीराम मंदिर क्षेत्र में आने वाली शराब दुकानों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। इसके साथ ही कान्हा की नगरी मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान के आसपास के क्षेत्र में भी शराब की बिक्री पर अब पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया। मथुरा में 1 जून से शराब, बीयर व भांग की 37 दुकानों पर ताला लग गया। दही और दूध वाली दुकानें बढ़ाई जाएंगी। मथुरा शहर के तीन होटलों के बार व दो मॉडल शॉप भी अब नहीं खुलेंगे। मथुरा को तीर्थ स्थल घोषित करते हुए जन्मस्थान के आसपास के क्षेत्र में शराब और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।

इसी तरह मस्जिदों में भी राष्ट्रभक्ति की अलख जगायी जा रही है। आगरा की शाही जामा मस्जिद में भाजपा नेता और अल्प संख्यक अध्यक्ष अशफाक सैफी ने तिरंगा फहराया था। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ था और भारत माता की जय के नारे भी लगे थे। हालांकि एक आड़ियो उस समय जारी किया गया था जो शहर मुफ्ती मजदुल खुबैब रूबी का बताया गया। इसमें मस्जिद के अंदर राष्ट्रगान का विरोध किया गया लेकिन शाही जामा मस्जिद के चेयर मैन हाजी असलम कुरैशी ने कहा था शहर मुफ्ती ने मस्जिद के मदरसे में तिरंगा फहराने पर एतराज जताया है, जो गलत है। मदरसे में तो हरसाल झंडारोहण किया जाता है। चेयरमैन कुरैशी ने तो यहां तक कहा कि मुफ्ती के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। इस प्रकार मस्जिदों से भी यह आवाज उठने लगी है कि जंगे आजादी की लड़ाई हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी ने मिलकर लड़ी थी, इसलिए राष्ट्रप्रेम का भाव भी समान होना चाहिए। यूपी के साथ अन्य प्रदेशों में भी मस्जिदों में तिरंगे फहराये गये। इस भावना को लगातार मजबूत करने की जरूरत है। माना जा रहा है कि अगले साल अयोध्या में राम मंदिर का काम पूरा होने के साथ, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले शहर को एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। राम जन्मभूमि स्थल की ओर जाने वाली सड़कों के चैड़ीकरण, शहर भर में सीसीटीवी लगाना और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का तेजी से निर्माण होना राज्य सरकार द्वारा नियोजित परियोजनाओं में शामिल हैं। दरअसल सरकार का उद्देश्य 2024 तक अयोध्या को ‘विश्व स्तरीय, मॉडल टाउन ’बनाना है। यही कारण है कि भगवान राम की नगरी अयोध्या में भी अब काशी की तर्ज पर कॉरिडोर बनने जा रहा है। योगी सरकार ने गत दिनों हुई कैबिनेट बैठक में राम की नगरी में कॉरिडोर बनाने का फैसला लिया था। हनुमानगढ़ी से लेकर राममंदिर के चारों तरफ से यह भव्य दिव्य कॉरिडोर बनाया जाएगा।राम की नगरी में इस विश्वस्तरीय कॉरिडोर के निर्माण के अंतर्गत यहां की सड़कों का चैड़ीकरण और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ साम्प्रदायिक सद्भाव बढ़ाने का भी प्रयास कर रहे हैं।
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