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लाल बाग़ के राजा की महिमा

लाल बाग़ के राजा की महिमा

मन मोहक प्रतीमा है तेरी,
मजबूर करे लाल बाग़ आने के लिए,दर्शन के लिए ।
मन मोहक प्रतीमा है 
तेरी ……….।।
हर कोई तरसता रहता है,
तेरी एक झलक दर्शन के लिए ,दर्शन के लिए ,
मन मोहक प्रतीमा है तेरी ………. ।।

 तस्वीर बनाए क्या कोई।
क्या कोई करे तेरा वर्णन।
रंगो छन्दो में समाये ना,
किस तरह तेरी मन मोहिकिता, मोहिकिता।
मन मोहक प्रतीमा है तेरी ……….।
एक आस है आत्मा में मेरी।
कोई जान न सके इस भेद के लिए।
मन मोहक प्रतीमा है तेरी ,
मजबूर करे लाल बाग़ आने के लिए ,
राजा के दर्शन के लिए, 
लाल बाग जाने के लिए ,
दर्शन के लिए।
मन मोहक प्रतीमा है तेरी,
मजबूर करे लाल बाग़ आने के लिए ,दर्शन के लिए ,
मन मोहक प्रतीमा है तेरी।।

सभी देशवासियों को गणेश उत्सव की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं। आप सभी की मनोकामना गणेश जी पूरी करे और आप सभी स्वास्थ्य और प्रसन्न रहे। ऐसी हम उनसे प्रार्थना करते है।

 जय जिनेन्द्र 
संजय जैन "बीना" मुंबई 
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