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विकसित बिहार के सात निष्चय, जलापूर्ति निष्चय हुआ सफल, स्वच्छ जल, स्वस्थ कल

विकसित बिहार के सात निष्चय, जलापूर्ति निष्चय हुआ सफल, स्वच्छ जल, स्वस्थ कल

  • राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से ‘हर घर नल का जल’ योजनान्तर्गत 1.63 करोड़ परिवारों को न सिर्फ ‘नल का जल’ उपलब्ध कराया है बल्कि संसाधनों का किफायती उपयोग कर अल्प समय में बिहार में 2ः से 99ः ‘नल का जल’ के लक्ष्य को प्राप्त किया है। इस योजना से राज्य के सभी समुदायों को बेहतर स्वास्थ्य और सुगम जीवन की राह आसान हुई है।

पटना, 19 अगस्त 2022 को वर्ष 2015 में ही बिहार सरकार द्वारा राज्य के प्रत्येक परिवारों को ‘नल का जल’ उपलब्ध कराने की परिकल्पना की गई थी तब उस समय बिहार में मात्र 2ः ग्रामीण परिवारों को ही ‘नल का जल’ उपलब्ध था। सरकार द्वारा सुशासन के कार्यक्रम 2015-20 के तहत ‘विकसित बिहार के लिये सात निष्चय’ लागू किए गए, जिसमें ‘हर घर नल का जल’ एक महत्वपूर्ण अवयव था। इसके तहत राज्य के सभी परिवारों को उनके घर में नल के माध्यम से पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने का संकल्प लिया गया। सितम्बर, 2016 से ही इन योजनाओं पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया। आज 1,14,651 लाख वार्डों में से 1,13,472 वार्डों (99ः) में काम पूरा होगा गया है और 1.66 करोड़ परिवारों में से 1.63 करोड़ परिवारों को नियमित एवं निर्बाध जलापूर्ति की जा रही है।
  • ‘हर घर नल का जल’ निष्चय अंतर्गत कुल 1,14,651 वार्डों में से 1,13,472 वार्डों (99ः) में कार्य पूर्ण कर दिया गया है और 1.63 करोड़ परिवारों (98.19ः) के घर में जलापूर्ति की जा रही है। 
  • ‘हर घर नल का जल’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार ने रू० 29,245 करोड़ का निवेष किया गया है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के द्वारा रू० 14,091 करोड़ तथा पंचायती राज विभाग द्वारा रू० 15,154 करोड़ व्यय किये है।
  • राज्य के 4,709 आर्सेनिक गुणवत्ता से प्रभावित वार्डों में से 4,629 वार्डों (98ः) में कार्य पूर्ण हो चुका है और 6.60 लाख परिवारों को आर्सेनिक मुक्त जलापूर्ति की जा रही है।
  • 3,789 फ्लोराईड प्रभावित वार्डों में से 3780 वार्डों (99ः) में कार्य पूर्ण हो चुका है और 4.57 लाख परिवारों को शोधित जलापूर्ति की उपलब्धता सुनिष्चित की गई है।
  • 21,709 आयरन प्रभावित वार्डों में से 21,279 वार्डों (98ः) में कार्य पूर्ण हो चुका है और 35.07 लाख परिवारों को आयरन मुक्त पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। 
जलापूर्ति योजनाओं का क्रियान्वयन वार्ड वार जलापूर्ति योजना के नये अभिनव प्रयोग के साथ किया गया है। लगभग सभी वार्डों में अलग अलग योजनाएँ ली गई हैं और अलग अलग जल स्रोत सृजित किए गए हैं तथा पाईप के माध्यम से घरों में जलापूर्ति करने हेतु कार्रवाई की गयी है। 
पंचायती राज विभाग द्वारा 4291 पंचायतों के 58,107 गैर गुणवत्ता प्रभावित वार्डों में कार्य करने जवाबदेही दी गई। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा आर्सेनिक, फ्लोराईड व आयरन प्रभावित तथा पूर्व से अधिष्ठापित योजना से आच्छादित 4095 पंचायत के 56,544 में कार्य करने का लक्ष्य लिया गया।
पेयजल योजनाओं के कार्यान्वयन में समुदाय की भागीदारी सुनिष्चित करने के लिए बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 में संषोधन करते हुए वार्ड स्तर पर वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियों के गठन की व्यवस्था की गयी। इसके अंतर्गत हर ग्राम पंचायत के प्रत्येक वार्ड में वार्ड सदस्य की अध्यक्षता में ‘वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति’ गठित की गई, जिसको योजना के सूत्रण, कार्यान्वयन एवं रख रखाव की जिम्मेदारी मिली। 
गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने संवेदक के माध्यम से कार्य कराया।
दीर्घकालिक अनुरक्षण व्यवस्था
‘हर घर नल का जल’ निष्चय के तहत पेयजल आपूर्ति योजनाओं का न सिर्फ निर्माण किया गया है बल्कि उनके रख रखाव और सामाजिक भागीदारी द्वारा इसके सतत् अनुश्रवण की भी पूरी व्यवस्था की गई है। आत्मनिर्भर बिहार के सात निष्चय-2 (सुषासन के कार्यक्रम 2020-25) के ‘स्वच्छ गाँव-समृद्ध गाँव’ निष्चय अंतर्गत जलापूर्ति योजनाओं के दीर्घकालिक अनुरक्षण का प्रावधान किया गया है, ताकि ‘नल का जल’ की सुविधा सतत रूप से ग्रामीणों को मिलती रहे। 
  • प्रतिदिन 6 घंटे नियमित जलापूर्ति की व्यवस्था की गई है।
  • जलापूर्ति योजनाओं के तत्क्षण अनुश्रवण के लिए सेंसर आधारित आई०ओ०टी० अनुश्रवण प्रणाली अधिष्ठापित किया गया है।
  • षिकायतों के त्वरित निवारण के पूरे राज्य के लिए एक टाॅल फ्री नम्बर 1800 1231 121 और केन्द्रीकृत षिकायत निवारण कोषांग की व्यवस्था की गई है।
  • जलापूर्ति योजनाओं में मरम्मति एवं अनुरक्षण संबंधी षिकायतों के त्वरित निवारण हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर ‘मरम्मति दल’ का प्रावधान किया गया है और पंचायती राज विभाग द्वारा प्रखण्ड स्तर पर सेवा प्रदाता की तैनाती की गई है।
  • जलापूर्ति योजनाओं के लिए आॅनलाईन पोर्टल निष्चय साॅफ्ट बनाया गया है और आमजन के लिए सुलभ सूचनाएं दी गई हैं।
  • जल गुणवत्ता अनुश्रवण हेतु राज्य एवं जिला मुख्यालय और अवर प्रमंडल स्तर पर जल जाँच प्रयोगषालाएँ स्थापित हैं और इन प्रयोगषालाओं द्वारा निर्धारित प्रोटोकाॅल के अनुसार जलापूत्र्ति योजनाओं के जल की गुणवत्ता जाँच की जाती है। 1 राज्य स्तरीय और 11 जिला स्तरीय जल जांच प्रयोगषाला एन०ए०बी०एल० एक्रेडिटेटड है और शेष 27 इस वर्ष हो जायेंगे।
  • जलापूत्र्ति योजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण ग्रामीण विकास विभाग के नियंत्रणाधीन गठित ‘सामाजिक अंकेक्षण सोसायटी, बिहार’ द्वारा कराया जा रहा है।
  • जलापूर्ति योजनाओं के जल स्रोत में दीर्घकालिक स्थिरता बनाये रखने के उद्देष्य से राज्य सरकार ने 2 अक्टूबर, 2019 को एक महत्वकांक्षी कार्यक्रम ‘जल-जीवन-हरियाली मिषन’ की शुरूआत की है।
  • राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से ‘हर घर नल का जल’ योजनान्तर्गत 1.63 करोड़ परिवारों को न सिर्फ ‘नल का जल’ उपलब्ध कराया है बल्कि संसाधनों का किफायती उपयोग कर अल्प समय में बिहार में 2ः से 99ः ‘नल का जल’ के लक्ष्य को प्राप्त किया है। इस योजना से राज्य के सभी समुदायों को बेहतर स्वास्थ्य और सुगम जीवन की राह आसान हुई है।

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