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प्रेरणा देने वाला एक मुख्यमंत्री

प्रेरणा देने वाला एक मुख्यमंत्री

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

  • माफिया से धमकी मिलने के बाद युवा व्यवसायी ने की आत्महत्या।
  • मुख्यमंत्री हिमंता पीड़ित परिवार के घर गये और पूरे राज्य से माफी मांगी।

पूर्वोत्तर भारत के अशांत राज्य असम मंे भाजपा की सरकार है। मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा पर कुछ दिन पहले ही आरोप लगा था कि उन्होंने झारखंड की सरकार को गिराने की साजिश रची। इसका आधार यह बताया गया कि झारखंड के तीन कांग्रेसी विधायक कोलकाता में भारी धनराशि के साथ गिरफ्तार किये गये थे, उनमंे से एक विधायक की फोटो हिमंता बिस्वा सरमा के साथ देखी गयी थी। हिमंता ने इसका भी जवाब दिया है लेकिन डिब्रूगढ़ मंे एक युवा व्यवसायी की आत्महत्या के मामले मंे जब मुख्यमंत्री का दर्द छलका, तब वहां की जनता की सहानुभूति उमड़ पड़ी है। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि ऐसी घटना तब हुई जब मैं मुख्यमंत्री के रूप मंे सेवा कर रहा हूं....। एक जनप्रतिनिधि को इस तरह का दायित्व बोध है, तो हमंे अपने प्रजातंत्र पर और जननायकों पर गर्व करने का हक है। इससे अन्य जनप्रतिनिधियों को भी प्रेरणा मिलेगी। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक अन्य गंभीर बात की तरफ भी इशारा किया है। असम में बांग्लादेशियों की घुसपैठ तो बड़े पैमाने पर हुई थी, इसलिए असम का जिहादी गतिविधियों का केन्द्र बन जाना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। बांग्लादेश से अराजक तत्वों की घुसपैठ रोकने का ठोस उपाय होना चाहिए। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से यह वादा भी किया है कि वे बांग्ला देश की धरती पर भारत विरोधी गतिविधियों को सख्ती से रोकेंगी। हिमंता सरमा ने इस बात पर चिंता जतायी है कि असम जिहादी गतिविधियों का केन्द्र बन गया है। इसके लिए केन्द्र सरकार को अपने स्तर से भी प्रयास करना होगा।

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने गत दिनों डिब्रूगढ़ में माफिया से धमकी मिलने के बाद आत्महत्या करने वाले एक युवा व्यवसायी के परिवार से मुलाकात की और माफी मांगी। उन्होंने पीड़ित परिवार से कहा कि वह वास्तव में शर्मिंदा हैं कि माफिया ने पुलिस की मौजूदगी के बावजूद वहां आने की हिम्मत की। उन्होंने कहा, मुझे इससे ज्यादा शर्म कभी नहीं आई। असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन की नाकामी के कारण डिब्रूगढ़ में एक युवा व्यवसायी ने आत्महत्या कर ली। राज्य सरकार ने बार-बार पुलिस को जनता के मित्र के रूप में कार्य करने के लिए कहा है, लेकिन इसे अनसुना किया गया। उन्होंने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सीएम सरमा ने 32 वर्षीय कारोबारी विनीत बगरिया के घर का दौरा करने के बाद कहा, ‘‘यह सरासर डिब्रूगढ़ जिला प्रशासन की नाकामी है। बगरिया ने आत्महत्या करने से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उसके परिवार के स्वामित्व वाली एक दुकान के किराएदार सहित तीन लोग उसे धमका रहे थे और वह दबाव नहीं झेल पा रहा था।

बगरिया और उसके पिता ने धमकी के संबंध में डिब्रूगढ़ पुलिस थाना में लिखित शिकायत की थी, लेकिन उन्हें कथित तौर पर उचित जवाब नहीं मिला। वीडियो में नामजद लोगों में से दो को गिरफ्तार कर लिया गया।

सरमा ने कहा कि इस घटना ने उन्हें बहुत आहत किया है और उन्होंने बगरिया के परिवार के साथ-साथ राज्य के लोगों से भी माफी मांगी है। उन्होंने कहा, ऐसी घटना तब हुई, जब मैं मुख्यमंत्री के रूप में सेवा कर रहा हूं। इससे मुझे बहुत दुख हुआ है। मैं बगरिया के माता-पिता और राज्य के लोगों से माफी मांगता हूं। सरमा ने कहा कि उनकी सरकार बार-बार पुलिस से निर्दोष लोगों के लिए खड़े होने और उनके दोस्त के रूप में काम करने की अपील करती रही है। सरमा के पास गृह विभाग भी है।उन्होंने कहा, ‘‘अगर डिब्रूगढ़ जैसी जगह पर पुलिसकर्मी हमारी अपील को नहीं समझ सकते हैं और उसके अनुसार कार्य नहीं कर सकते हैं, तो हम ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात लोगों से हमारी बात सुनने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।

असम इस समय जिहादी गतिविधियों का केंद्र बन गया है और पिछले कुछ महीनों में यहां बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठन अंसारुल इस्लाम के पांच ‘मॉड्यूल’ का पर्दाफाश हुआ है। राज्य के सीएम हिमांता बिस्वा सरमा ने यह दावा किया। सरमा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अंसारुल इस्लाम से संबंधित छह बांग्लादेशी नागरिक, युवाओं को बरगलाने के लिए असम आए और उनमें से एक को इस साल मार्च में बारपेटा में पहले मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के दौरान गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि असम के बाहर के इमामों का मुस्लिम युवकों को निजी मदरसों में पढ़ाई के नाम पर बरगलाना चिंताजनक है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जिहादी गतिविधि आतंकवादी या उग्रवाद गतिविधियों से बहुत अलग है। यह कई वर्षों तक बरगलाने के साथ शुरू होती है, इसके बाद इस्लामी कट्टरवाद को बढ़ावा देने में सक्रिय भागीदारी होती है, और अंत में विध्वंसक गतिविधियों की तरफ जाती है। राज्य में 2016-17 में “अवैध रूप से प्रवेश करने वाले” बांग्लादेशी नागरिकों ने कोविड-19 महामारी के दौरान कई प्रशिक्षण शिविरों का संचालन किया। उन्होंने कहा, “इनमें से केवल एक बांग्लादेशी को अब तक गिरफ्तार किया गया है और मैं लोगों से अपील करता हूं कि राज्य के बाहर का कोई भी मदरसे में शिक्षक या इमाम बन जाए तो उसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दें।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने असम सरकार के प्रवक्ता पीयूष हजारिका का एक ट्वीट साझा किया, जिसमें उन्होंने झारखंड के विधायक की केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और असम के मुख्यमंत्री से मुलाकात की तस्वीरें पोस्ट कीं। हजारिका ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने प्राथमिकी से पांच दिन पहले ही किसी ट्रेड यूनियन से संबंधित मामले में मदद करने के लिए जोशी से कांग्रेस विधायक की मुलाकात करवाई थी। झारखंड के विधायक कुमार जयमंगल ने एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा में जिन कांग्रेस के तीन विधायकों को गिरफ्तार किया गया था उन्हें करोड़ों रूपए का प्रलोभन दिया गया और साथ ही में मंत्री पद का प्रलोभन भी दिया गया है। गौरतलब है कि इन तीनों कांग्रेसी विधायक को भारी मात्रा में नकदी के साथ गिरफ्तार किया गया था। जयमंगल ने आरोप लगाया कि उन तीनों विधायकों ने उन्हें गुवाहाटी बुलाया था और कहा था कि उनकी मुलाकात असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से होगी। इस मुलाकात में आदिवासी बहुल राज्य झारखंड की झामुमो-कांग्रेस सरकार को गिराने के बाद मंत्री पद और करोड़ों की नकद राशि देने का वादा किया गया था। उन्होंने पत्र में कहा कि असम के मुख्यमंत्री को दिल्ली में बैठे भाजपा के राजनीतिक दल के शीर्ष नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है। हिमंता सरमा ने कहा कि कांग्रेस विधायक द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी ठीक उसी तरह है जैसे कांग्रेस ओट्टावियो क्वात्रोच्चि को बोफोर्स के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कहे। इतालवी व्यवसायी ओटावियो क्वात्रोची करोड़ों डॉलर के बोफोर्स घोटाले के केंद्र में थे, जिसने अपने सबसे युवा प्रधान मंत्री राजीव गांधी सहित कई भारतीय नेताओं के राजनीतिक करियर को प्रभावित किया।
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