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तेरे जन्म की करूण कहानी

तेरे जन्म की करूण कहानी

हे नन्दलाला, हे गोपाला,
तेरे जन्म की करूण कहानी,
सुनकर होता दिल को दुख,
आँखों में आ जाता पानी।
      हे नन्दलाला,हे....।

दारुण दुख पायी माँ देवकी,
झेली भाई कंस की शैतानी,
डाला कारा में वासु-देवकी को,
पहुँचायी छह नवजात को हानि।
       हे नन्दलाला,हे...।

कान्हा तुम जब जन्म लिये,
बढ़ आया यमुना में बाढ का पानी,
खुल गये कारागार स्वत:,
हुयी थी दिव्य आकाशवाणी। 
       हे नन्दलाला,हे ...।

अद्भुत कथा तेरे जन्म की कान्हा,
अद्भुत तेरी लीला, कहानी,
यशोदा-नन्द का माखन खाकर,
खत्म की कंस की शैतानी।
      हे नन्दलाला,हे...।

देखकर तेरी मनोहारी छवि,
गोपियाँ हो जाती थी दिवानी,
एकबार मुझे शरण में ले लो ,
दे दो कोई अनमोल निशानी।
        हे नन्दलाला,हे...।
      अरविन्द अकेला,पूर्वी रामकृष्ण नगर,पटना-27
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