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हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित विशेष संवाद : 'धर्मांतरण ही राष्ट्रांतरण !’

हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित विशेष संवाद : 'धर्मांतरण ही राष्ट्रांतरण !’

धर्मांतरण विरोधी कानून देशभर में लागू कर उस पर कठोर कार्यान्वयन करें !- श्री. प्रबल प्रतापसिंह जुदेव, प्रदेशमंत्री, भाजपा, छत्तीसगढ

ईसाई मिशनरियां मानवता के लिए विद्यालय, चिकित्सालय अवश्य खोलें; परंतु सुविधाओं के नामपर ईसाई बनने के लिए हिन्दुओं का धर्मांतरण क्यों ? शिक्षा तथा अन्य सेवाओं के नाम पर व्यापार किया जा रहा है । हमारी संस्कृति भारत की धरोहर है, इसलिए हमारी संस्कृति पर आघात कर योजनाबद्ध पद्धति से हिन्दुओं का धर्मांतरण किया जा रहा है । धर्मांतरण राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रश्न है । जहां जहां हिन्दुओं का धर्मांतरण हुआ है, वह क्षेत्र अस्थिर हुआ है, इसका इतिहास साक्षी है । आज देश के अनेक राज्यों में यद्दपि धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया है, तथापि यह कानून देशभर में लागू कर उस पर कठोर कार्यान्वयन होना आवश्यक है । इसके लिए देशभर के हिन्दुओं को प्रयास करना आवश्यक है, ऐसा आवाहन भाजपा के छत्तीसगढ के प्रदेशमंत्री और अखिल भारतीय घरवापसी प्रमुख श्री. प्रबल प्रतापसिंह जुदेव ने किया । वे हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद ‘धर्मांतरण ही राष्ट्रांतरण !’ इस विषय पर बोल रहे थे ।
विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. विनोद बन्सल ने कहा कि, ‘धर्मांतरण ही राष्ट्रांतरण’ है, इस संबंध में कोई संदेह नहीं होना चाहिए । अखंड भारत से अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश धर्म के आधार पर ही अलग हुए हैं । जहां जहां हिन्दुओं की जनसंख्या घटी है, वहां हिन्दू धर्मांतरित हुआ है । कश्मीर, बंगाल, केरल, ईशान्य भारत के राज्य इसके उदाहरण हैं । वहां आतंकवादी कार्यवाहियां और जिहादी आक्रमण बढे हैं तथा वहां हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए हैं । धर्मांतरण रोकने के लिए अनेक साधु-संतों ने बलिदान दिया है । ओडिशा के स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती ने धर्मांतरण रोकने के लिए और हिन्दुओं की घरवापसी के लिए महान कार्य करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया । धर्मांतरण रोकना अत्यंत आवश्यक है ।
हिन्दू जनजागृति समिति के मध्यप्रदेश और राजस्थान समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने कहा कि, ‘जब एक व्यक्ति का धर्मपरिवर्तन होता है, तब केवल उसका धर्मपरिवर्तन नहीं होता, अपितु हमारे धर्म के विरोध में वह एक शत्रु के रूप में खडा रहता है, एेसा स्वामी विवेकानंदजी ने कहा था । प्राचीन काल का अखंड भारत अब विभाजित हो गया है । देश के 9 राज्यों मे हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए हैं । धर्मांतरण की समस्या ने अब व्यापक रूप धारण किया है । हिन्दुओं का धर्मांतरण करने के लिए विदेश से बडी मात्रा में पैसे की आपूर्ति की जा रही है । देशभर में धर्मांतरण विरोधी कानून एेसी कठोर पद्धति से लागू करना चाहिए कि धर्मांतरण करने का किसी का साहस नहीं होगा । धर्मांतरण विरोधी कानून काल की आवश्यकता है ।
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