हजारी प्रसाद द्विवेदी की जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन
औरंगाबाद से दिव्य रश्मि संवाददाता अरविन्द अकेला की खबर
औरंगाबाद( दिव्य रश्मि) सदर प्रखंड स्थित ग्राम जम्होर में सामयिक साहित्य संवाद के तत्वावधान में हिंदी भाषा साहित्य के महान साहित्यकार,लेखक, समालोचक,निबंधकार हजारी प्रसाद द्विवेदी जी की115वीं जयंती समारोह धूमधाम से मनाई गई।जयंती समारोह के मौके पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
'द्विवेदी की साहित्य चेतना आधुनिक हिंदी की बनी प्रेरणा' विषयक विचार गोष्ठी की अध्यक्षता मुखिया प्रतिनिधि प्रदीप कुमार सिंह ने किया जबकि संचालन एवं विषय प्रवेश संयोजक सुरेश विद्यार्थी ने किया। संबोधन के क्रम में विद्यार्थी ने कहा कि हिंदी साहित्य के आधुनिक काल में हजारी प्रसाद द्विवेदी ने जिस प्रकार की रचनाएं हिंदी साहित्य को दी वे कालजई हैं एवं नवोन्मेष साहित्यकारों के लिए हमेशा प्रेरणादायी रहे हैं। उनकी रचनाएं अशोक के फूल, कल्पलता,विष के दंत निबंधात्मक श्रेणी की उच्च कोटि की रचनाएं हैं जो हिंदी साहित्य में किसी विषय वस्तु के मानक के रूप में इंगित हैं तो वही उपन्यास बाणभट्ट की आत्मकथा एवं पुनर्नवा में सजीवता का बोध प्रदर्शित होता है। हजारी प्रसाद द्विवेदी जी को हिंदी,बांग्ला,संस्कृत व अंग्रेजी भाषा में निष्णातता हासिल थी। द्विवेदी जी की रचनाओं की भाषा शुद्ध, परिष्कृत एवं परिमार्जित खड़ी बोली के रूप में जानी जाती है। इनके साहित्य में विवेचनात्मक गवेषणात्मक,आलोचनात्मक एवं भावात्मक शैली का विशद वर्णन हुआ है। उनके निबंधों में उच्च कोटि की विचारात्मक क्षमता का दर्शन होता है। आज के विचार गोष्ठी में रामपुकार ओझा,सुजीत कुमार सिंह,जितेंद्र कुमार सिंह विनोद सिंह,नागेंद्र कुमार सिंह,राणा सुनील,गुप्तेश्वर प्रसाद गुप्ता सहित अन्य उपस्थित थे।
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