अमृत महोत्सव में तिरंगा उत्साह
(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
आजादी का अमृत महोत्सव एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है। जीवन के सभी क्षेत्रों और समाज के हर वर्ग के लोग देश में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। राष्ट्रीय ध्वज को डिजाइन करने वाले पिंगली वेंकैया को देश भूल चुका था। अमृत महोत्सव में उनको सम्मान दिया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पिंगली वेंकैया के परिवार के सदस्यों का सम्मान किया। उनकी स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया। हर घर तिरंगा थीम गीत को भी लांच किया गया। पिंगली द्वारा डिजाइन किया गया मूल ध्वज कार्यक्रम में प्रदर्शित किया गया।
भारत प्राचीन काल से उत्सव धर्मी रहा है। विविध प्रकार के उत्सवों की यहां सतत श्रंखला है। प्रत्येक का रंग स्वरूप अलग होता है। लेकिन साँस्कृतिक राष्ट्रवाद की भाव भूमि समान रहती है। विविधता में एकता की यह दुर्लभ मिसाल है। इसके साथ ही राष्ट्र के विषय पर भी एकता रहती है। आजादी के अमृत महोत्सव में इसे प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। इस उत्सव का रंग तिरंगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में इसका उल्लेख किया। कहा कि इस बार के स्वतंत्रता दिवस पर भारत अपनी आजादी के वर्ष पूरे करेगा। वर्तमान पीढ़ी इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनने जा रहे हैं। यह सौभाग्य का विषय है। आजादी का अमृत महोत्सव एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है। जीवन के सभी क्षेत्रों और समाज के हर वर्ग के लोग देश में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। राष्ट्रीय ध्वज को डिजाइन करने वाले पिंगली वेंकैया को देश भूल चुका था। अमृत महोत्सव में उनको सम्मान दिया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पिंगली वेंकैया के परिवार के सदस्यों का सम्मान किया। उनकी स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया। हर घर तिरंगा थीम गीत को भी लांच किया गया। पिंगली द्वारा डिजाइन किया गया मूल ध्वज कार्यक्रम में प्रदर्शित किया गया। संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक शाम तिरंगा उत्सव के नाम का आयोजन किया गया। पिंगली वेंकैया स्वतंत्रता सेनानी थे। महात्मा गांधी के अनुरोध पर उन्होंने भारत के राष्ट्रध्वज को केसरिया,सफेद और हरे रंगों के बीच में चक्र के साथ डिजाइन किया था।
पिंगली वेंकैया का जन्म वर्तमान आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम के निकट भटलापेनुमारु नामक स्थान पर हुआ था। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से उन्होने स्नातक किया था। वहाँ से लौटने पर उन्होंने एक रेलवे गार्ड के रूप में और फिर लखनऊ में एक सरकारी कर्मचारी के रूप में काम किया। बाद में वह एंग्लो वैदिक महाविद्यालय में उर्दू और जापानी भाषा का अध्ययन करने लाहौर चले गए। वह हीरे की खदानों के विशेषज्ञ थे। पिंगली ने ब्रिटिश भारतीय सेना में भी सेवा की थी। दक्षिण अफ्रीका के एंग्लो बोअर युद्ध में भाग लिया था। बाद में वह स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए थे। अमृत महोत्सव के दौरान इतिहास में उपेक्षित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को रेखांकित किया गया। उनके संघर्ष से युवा पीढ़ी कुछ अवगत कराया गया। आजादी के अमृत महोत्सव से आजादी के शताब्दी वर्ष तक का पच्चीस साल का समय संकल्प का कालखंड है। भारत समृद्धि, सुरक्षा और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट होकर काम कर रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होने हर घर तिरंगा अभियान में यूपी में साढ़े चार करोड़ राष्ट्रध्वज फहराने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि यह राष्ट्रीय गौरव का आयोजन है। प्रदेश के सभी लोगों को इससे जुड़ना चाहिए। लोग अपने फहराए तिरंगा के साथ सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से ग्यारह से सत्रह अगस्त की अवधि को स्वतंत्रता सप्ताह के रूप में आयोजित किया जाना है।स्वतंत्रता सप्ताह के अंतर्गत तेरह से पंद्रह अगस्त तक हर घर तिरंगा का विशेष अभियान आयोजित होगा। सभी आवासों, सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों और वाणिज्यिक औद्योगिक इकाइयों अन्य प्रतिष्ठानों कार्यालयों पर ध्वजारोहण हो। सभी अमृत सरोवरों पर झंडा फहराया जाएंगे। अभियान के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए एनसीसी, एनएसएस व अन्य स्वयंसेवी संगठन की मदद से तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी। स्कूलों में स्लोगन व निबंध प्रतियोगिता कराई होगी। स्वतंत्रता सप्ताह में हर दिन स्कूली बच्चों की प्रभात फेरी निकाल कर आयोजन के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी। स्वतंत्रता सप्ताह की अवधि में हर शहीद स्मारक पर आधा घंटा पुलिस बैंड राष्ट्र भक्ति गीत बजा जाएंगे। स्वतंत्रता दिवस के दिन शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया जाएगा। गांव और शहर में स्वच्छता अभियान संचालित किया जाएगा। पर्याप्त ध्वज निर्माण में स्वयं सहायता समूहों, एनजीओ, एमएसएमई, खादी एवं ग्रामोद्योग, निजी सिलाई केंद्रों का सहयोग लिया जाएगा। इस अवधि एक अन्य अभिनव कार्य होगा जिसके विषय में नरेन्द्र मोदी के पहले किसी ने सोचा नहीं था। नरेंद मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास से जुड़े देश में अनेक रेलवे स्टेशन हैं। इन रेलवे स्टेशनों के बारे जानना दिलचस्प है। लखनऊ के पास काकोरी रेलवे स्टेशन है। इस स्टेशन के साथ राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्लाह खान जैसे सेनानियों का नाम जुड़ा है।योगी आदित्यनाथ यहां की घटना को ट्रेन एक्शन नाम दिया है। अमृत महोत्सव पर यहां भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। यहां ट्रेन से जा रहे अंग्रेजों के खजाने को लूटकर वीर क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों को अपनी ताकत का परिचय करा दिया था। झारखंड के गोमो जंक्शन को अब आधिकारिक रूप से नेताजी सुभाष चंद्र बोस जंक्शन गोमो के नाम से जाना जाता है। ऐसा इसलिए कि इसी स्टेशन पर कालका मेल में सवार होकर सुभाष चंद्र बोस ब्रिटिश अफसरों को चकमा देने में सफल रहे थे। तमिलनाडु के थुथुकुडी जिले का वान्ची मणियाच्ची जंक्शन भी इसी श्रेणी में है। यह स्टेशन तमिल स्वतंत्रता सेनानी वान्चीनाथन के नाम पर है। यहां पच्चीस साल के युवा वान्ची ने ब्रिटिश कलेक्टर को उसके किये की सजा दी थी।
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