कृष्ण ने लिया मनुज अवतार
कारावास दिया बहना को, बढा कंस का अत्याचार।
आठवां पुत्र मौत बनेगा, हो गया अब जीना दुश्वार।
खुल गए सारे द्वार जेल के, सो गए सारे पहरेदार।
दुष्ट कंस वध करने, कृष्ण ने लिया मनुज अवतार।
कृष्ण कंहैया नटवर नागर, तेरी लीला अपरंपार।
वसुदेव चल पड़े गोद ले, लगा बरसने मुसलाधार।
यमुना नदी आतुर हो गई, अब आए जग करतार।
शेषनाग स्वयं आये कृष्ण ने लिया मनुज अवतार।
नंदलाल घर खूब मच गई, धूम बढ़ी ही अब भारी।
लालो जायो आज यशोदा कर उत्सव की तैयारी।
तिरलोकी को नाथ आयो, भवसिंधु तारणहार।
जग की हरने पीर, कृष्ण ने लिया मनुज अवतार।
ग्वालों संग माखन खाये, गोपाला मन सबके भाये।
वृंदावन में चल रही अब, लीलाधारी की लीलाएं।
बंसी बाजे राधा नाचे, महके मधुबन मस्त बयार।
मेरे मोहन मुरारी, कृष्ण ने लिया मनुज अवतार।
रमाकांत सोनी नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान
रचना स्वरचित व मौलिक हैहमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews
https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com