Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

नवरात्रि में मां दुर्गा का हाथी से आगमन : शुभता का द्योतक

नवरात्रि में मां दुर्गा का हाथी से आगमन : शुभता का द्योतक

इस वर्ष शारदीय नवरात्र का शुभारंभ 26 सितंबर 2022 को होगा। देवी भागवत पुराण के अनुसार मां दुर्गा नवरात्र में कैलाश से धरती पर पधारती हैं। उनका आगमन इस वर्ष हाथी की सवारी करते हुए हो रहा है जो अत्यंत ही शुभ फलदायक माना जा रहा है। कर्मकांड विशेषज्ञ धनंजय जयपुरी ने बताया कि जिस वर्ष माता का आगमन हाथी की सवारी करते हुए होता है उस वर्ष देश में हर तरह की समृद्धि और उन्नति होती है। नवरात्रि की प्रतिपदा के शुभ मुहूर्त में कलश-स्थापना का विशेष महत्व होता है। वैसे तो कलश-स्थापन 26 सितंबर को पूरे दिन में किसी भी समय किया जा सकता है, परंतु अमृत मुहूर्त प्रातः 6:11 से 7:51 तक तथा सर्वोत्तम अभिजीत मुहूर्त 11:48 से दोपहर 12:36 तक विशेष फलदायक है। कलश स्थापन सदैव पूजा गृह के ईशान कोण में किया जाना चाहिए।
नवरात्रि की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है जो 3 अक्टूबर को आ रही है। इस दिन मां के महागौरी रूप का पूजन किया जाता है। नवरात्रि में अष्टमी- नवमी की संधि-पूजा को विशेष फलप्रद माना गया है जो 3 अक्टूबर को दिन में 3:36 से 4:24 तक शुभ है। महानवमी तिथि का मान 4 अक्टूबर मंगलवार को होगा। चूंकि यह तिथि उस दिन दोपहर 1:32 तक ही है अतः नवरात्र व्रत के अनुष्ठान से संबंधित हवनादि कार्य इससे पूर्व कर लिये जाने चाहिए। माता का कैलाश प्रस्थान हाथी की सवारी करते हुए होगा जो अत्यंत ही शुभता का प्रतीक है।


लेखक धनंजय जयपुरी औरंगाबाद, बिहार से है वे साहित्यकार सह कर्मकांड विशेषज्ञ है ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ