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सनातन धर्मावलंबियों के ध्वजप्रेरक जगतगुरु स्वरूपानंद सरस्वती का निधन अपूरणीय क्षति:-डॉक्टर विवेकानंद मिश्र

सनातन धर्मावलंबियों के ध्वजप्रेरक जगतगुरु स्वरूपानंद सरस्वती का निधन अपूरणीय क्षति:-डॉक्टर विवेकानंद मिश्र 

 सनातन धर्मावलंबियों के पथ- प्रदर्शक 99 वर्षीय स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती सनातन धर्म के देश के चार पीठों में शामिल द्वारिका शारदापीठ एवं ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य थे। उनकी विद्वत्ता एवं शास्त्रार्थ प्रतिभा अत्यंत उच्च कोटि की थी। वे आजीवन धर्म के हित में सिद्धांतों पर अडिग और अखंड रहे। उनके निधन पर भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा, कौटिल्य मंच एवं मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान से जुड़े लोगों ने गहरी संवेदना प्रकट की है, जिनमें प्रमुख लोगों में बिहार के जाने-माने साहित्यकार आचार्य राधा मोहन मिश्र माधव, शिवचरण डालमिया, डा. विवेकानंद मिश्र, डॉक्टर बी एन पांडे, डॉक्टर उमेश चंद्र मिश्र शिव, डा. ज्ञानेश मिश्र, डॉ राम सिंहासन सिंह इंजीनियर अशोक शर्मा, अधिवक्ता विक्रम शर्मा, पंडित बालमुकुंद मिश्र, पंडित निशिकांत मिश्र रवि भूषण पाठक भारतीय, अर्चना मिश्रा , मंटू मिश्रा, पुष्पा गुप्ता किरण पाठक प्रोफेसर रीना सिंह अधिवक्ता दीपक पाठक, प्रियंका मिश्रा, मृदुला मिश्रा रविभूषण भट्ट, रंजीत पाठक, ऋषि गुर्दा पवन मिश्रा विश्वजीत चक्रवर्ती कृणेश मिश्रा शीतल आचार्य विवेकानंद वैद्य अरुण मिश्रा प्रियांशु सुरेंद्र पांडे सौरभ सुधांशु मिश्रा सुमन पुष्पा गुप्ता शंभू गिरी प्रीति देवी वैष्णवी मांडवी गुर्दा संगीता गुप्ता निभा रूपा देवी सुनीता देवी मालती देवी नीलम पासवान वीणा देवी शारदा साहिबा पूजा कुमारी -------
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