राहुल की यात्रा पर अहम सवाल
(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के बिना पद के सर्वोच्च नेता राहुल गांधी ने 7 सितम्बर 2022 से भारत जोड़ा यात्रा शुरू की है। जनसेवक वही सफल होता है जो जनता के बीच ज्यादा समय तक रहे। इस दृष्टि से कन्या कुमारी से शुरू होने वाली कश्मीर तक की 3570 कि.मी. की यात्रा निश्चित रूप से राहुल गांधी को बहुत कुछ सिखा सकती है। राहुल गाधी इस यात्रा को 150 दिनों में पूरा करेंगे। इस अवधि को वैसे तो पर्याप्त नहीं कहा जा सकता क्योंकि कन्या कुमारी से लेकर कश्मीर तक को समझना इतने कम समय में संभव नहीं है। एक समय था जब कन्या कुमारी से कश्मीर तक कांग्रेस की ही सरकारें हुआ करती थीं। अब तो सिर्फ दो सरायं (ठिकाने) कांग्रेस के अपने हैं और दो में साझेदारी है। इतना ही नहीं राहुल गांधी जिस समय भारत जोड़ो यात्रा शुरू कर रहे हैं, तब कांग्रेस लगातार टूट रही है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने अभी हाल ही में कांग्रेस छोड़कर नयी पार्टी बनाने की घोषणा कर दी है। इससे पूर्व कपिल सिब्बल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद समेत कई नेता कांग्रेस का दामन छोड़ चुके हैं। इसलिए राहुल की यात्रा पर अहम सवाल यही उठाया जा रहा है कि जो अपनी पार्टी को नहीं जोड़ पाया, वो भारत को कैसे जोड़ेगा। यह भी सवाल है कि भारत टूटा कहां पर है? भारत विश्व की महाशक्तियों में शामिल है और दुनिया भर में उसे सम्मान की नजर से भी देखा जाता है। अभी कुछ महीने पहले ही भारत के प्रधानमंत्री की बात पर रूस ने यूक्रेन पर हमला लगभग 6 घंटे के लिए रोक दिया था ताकि भारतीय छात्र-छात्राओं को वहां से स्वदेश लाया जा सके। इसी तरह वैश्विक समस्याओं पर भारत को एक सरपंच की तरह आमंत्रित किया जाता है। हां, सन 47 में भारत के टुकड़े हो गये थे। कश्मीर के एक हिस्से को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में कर रखा है। इनको जोड़ने की बात हो तो भारत जोड़ो यात्रा का मतलब समझा जा सकता है। फिलहाल तो भाजपा विरोधियों को जोड़ो यात्रा ही राहुल गांधी की लग रही है। इस प्रकार की मुहिम नीतीश कुमार और अरविन्द केजरीवाल भी चला रहे हैं। कन्या कुमारी से कश्मीर तक की यात्रा में यह सवाल राहुल गांधी से देश की जनता पूछ सकती है। इसका जवाब उन्हें तैयार रखना चाहिए।
कांग्रेस ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा आरंभ होने से पहले कहा कि यह यात्रा भारतीय राजनीति में एक टर्निंग प्वाइंट (निर्णायक मोड़) है और एक नई शुरुआत का प्रतीक है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, सात सितंबर 2022 एक ऐसा दिन जब देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी अब तक की सबसे लंबी पदयात्रा शुरू करेगी। आज का दिन एक शांत चिंतन और नए सिरे से संकल्प का दिन है। भारतीय राजनीति में यह एक टर्निंग प्वाइंट है। एक नई शुरुआत का प्रतीक है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यात्रा शुरू करने से पहले श्रीपेरंबदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के स्मारक पर सुबह श्रद्धांजलि अर्पित की और एक प्रार्थना सभा में शामिल हुए। तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में तीन दशक पहले एक चुनावी रैली के दौरान आत्मघाती हमला करके राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। राहुल गाधी ने अपने पिता के स्मारक पर पुष्प अर्पित किए और प्रार्थना सभा में शामिल हुए।
राहुल शाम को यहां के समुद्री तट के निकट एक जनसभा को संबोधित करेंगे और इसके साथ इस यात्रा की औपचारिक शुरुआत होगी, हालांकि राहुल गांधी और 118 अन्य भारत यात्री आठ सितंबर की सुबह विधिवत पदयात्रा आरंभ करेंगे। राहुल जनसभा से पहले यहां के गांधी मंडपम में एक प्रार्थना सभा में शामिल होंग, फिर वह एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे जहां तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन उन्हें राष्ट्रध्वज सौंपेंगे। राहुल विवेकानंद रॉक मेमोरियल, तिरुवल्लुवर स्टैच्यू और कामराज मेमोरियल भी जाएंगे। पदयात्रा 11 सितंबर को केरल पहुंचेगी और अगले 18 दिनों तक राज्य से होते हुए 30 सितंबर को कर्नाटक पहुंचेगी और उसके बाद उत्तर की तरफ अन्य राज्यों में जाएगी।
इस यात्रा के दौरान हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता हर दिन लगभग छह-सात घंटे चलेंगे। सूत्रों का दावा है कि राहुल गांधी कश्मीर से कन्याकुमारी तक पैदल चलेंगे। कांग्रेस पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले देश भर में केंद्र सरकार के खिलाफ जनसमर्थन तैयार करने के लिए यह यात्रा निकाल रही है। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था में गिरावट का मुद्दा उठा सकती है।
भारत जोड़ो यात्रा में सबसे ज्यादा उम्र के सदस्य 58 वर्षीय विजेंद्र सिंह महलावत हैं, जो राजस्थान के कांग्रेस नेता हैं। वहीं सबसे कम उम्र के सदस्य 25 साल के आजम जोम्बला और बेम बाई हैं। दोनों अरुणाचल प्रदेश से हैं। कन्हैया कुमार, पवन खेड़ा भी राहुल गांधी की यात्रा टीम का हिस्सा हैं। भारत जोड़ो यात्रा में लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं हैं। रूट मैप के अनुसार, भारत जोड़ो यात्रा देश के 20 प्रमुख स्थानों कन्याकुमारी, तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, नीलांबुर, मैसूर, बेल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव जमोद, इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अंबाला, पठानकोट, जम्मू, श्रीनगर को छुएगी। यह यात्रा केरल में 18 दिन और कर्नाटक में 21 दिन तक चलेगी। जिस दिन पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा, उस दिन यात्री कर्नाटक में होंगे।
राहुल की यात्रा को लेकर आलोचना शुरू हो गयी है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर कटाक्ष किया है। सरमा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को यह अभियान पाकिस्तान में शुरू करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘भारत जुड़ा है और एकजुट है।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947 में भारत का बंटवारा हुआ और यहां भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने का कोई फायदा नहीं है। सरमा ने कहा कि ‘भारत 1947 में कांग्रेस के रहते विभाजित हो गया था। अगर वे भारत जोड़ो यात्रा शुरू करना चाहते हैं तो राहुल गांधी को पाकिस्तान में ऐसा करना चाहिए। भारत में इस यात्रा को करने के क्या फायदे हैं? भारत जुड़ा हुआ है और एकजुट है। मैं राहुल गांधी को सुझाव देना चाहता हूं कि भारत जोड़ो यात्रा कार्यक्रम को पाकिस्तान ले जाएं।’ उधर कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को लेकर कहा कि इसके जरिए लोग महंगाई, बेरोजगारी समेत अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर एकजुट होंगे। प्रियंका ने एक फेसबुक वीडियो में कहा कि ‘हम एक सकारात्मक राजनीति शुरू कर रहे हैं। हम आपसे सुनना चाहते हैं, हम आपकी समस्याओं का समाधान करना चाहते हैं। हम अपने प्यारे देश को एकजुट करना चाहते हैं। आइए भारत को एक साथ लाएं।’
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